लखनऊ। लखनऊ में बिना मरीज वाले कोविड अस्पतालों को अब पोस्ट कोविड मरीजों के इलाज का जिम्मा सौंपने की तैयारी है। इसके लिए सीएमओ की ओर से शासन को पत्र भेजा जा रहा है। अभी बीकेटी स्थित राम सागर मिश्र और कानपुर रोड स्थित हज हाउस को पोस्ट कोविड अस्पताल बनाया जाएगा। इसके बाद मरीजों की संख्या के आधार पर इनमें बढ़ोतरी की जाएगी। राजधानी में नए संक्रमित मिलने का आंकड़ा पिछले दो दिनों से 100 से भी नीचे आ गया है। सक्रिय केस की संख्या भी दो हजार से कम हो गई है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या 1500 से नीचे आ गई है। 30 से ज्यादा कोविड अस्पतालों में एक भी मरीज नहीं है। उधर, पोस्ट कोविड मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसी को देखते हुए कोविड अस्पतालों को पोस्ट कोविड अस्पताल बनाया जा रहा है। सीएमओ डॉ. संजय भटनागर ने बताया कि शहर में इस समय कई कोविड अस्पतालों में पांच से कम कोरोना मरीज भर्ती है तो कुछ में एक भी मरीज नहीं है। इसीलिए इन इन अस्पतालों को पोस्ट कोविड बनाने पर विचार किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण घटने के बाद जिलाधिकारी ने खाली कोविड अस्पतालों से कह रखा है कि सीएमओ से अनुमति लेकर सामान्य मरीजों का इलाज शुरू कर सकते हैं। इसके बावजूद अभी तक एक भी अस्पताल ने इसको लेकर सीएमओ से संपर्क नहीं किया है। दरअसल लखनऊ में अक्तूबर तक कोविड की तीसरी लहर की आशंका है। इससे बचाव के लिए सरकारी स्तर पर तैयारियां हो रही हैं। निजी अस्पतालों से भी तैयारियों से संबंधित सूचनाएं मांगी जा रही हैं। इसीलिए अस्पताल सामान्य दर्जा लेने से पहले खुद को तैयार करना लेना चाहते हैं। राधा कृष्णम सरकार मल्टी स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की संचालिका डॉ. वंदिता शर्मा के अनुसार इस समय मरीज नहीं हैं। इसलिए अस्पताल को तीसरी लहर की आशंका के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। रॉकलैंड अस्पताल के मो. अहमद भी सामान्य अस्पताल का दर्जा लेने से पहले व्यवस्था और दुरुस्त करना चाहते हैं। इसके साथ ही कई निजी अस्पतालों के संचालक तीसरी लहर की आशंका को देखते कोविड का दर्जा बरकरार रखना चाहते हैं। इनमें से कई अस्पताल ऐसे भी हैं जहां पर कोविड वार्ड से अलग वार्ड की व्यवस्था तथा निकास की सुविधा है। इसको देखते हुए वहां कोरोना वार्ड को छोड़कर अन्य हिस्से में सामान्य मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है।