गाजीपुर। जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग पूरे जून माह को मलेरिया रोधी माह के रूप में मनाएगा। इसका उद्देश्य आम जनमानस में मलेरिया के साथ ही साथ कोविड से भी बचाव व रोकथाम को लेकर जागरूकता पैदा करना है तथा उससे बचाव और नियंत्रण के बारे में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना है। इस दौरान हर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) पर प्रत्येक सप्ताह कम से कम दो कैंप लगाए जाएंगे, जिसमें लोगों की मलेरिया की निःशुल्क जांच की जाएगी। ग्रामीण इलाकों में मलेरिया से बचाव के लिए शीघ्र निदान और त्वरित उपचार पर जोर दिया जाएगा। आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम के सहयोग से जलभराव वाले स्थानों पर कीटनाशक का छिड़काव किया जाएगा। किट से हुई जांच में धनात्मक रोगी पाए जाने पर उनका नि:शुल्क उपचार किया जाएगा। घरों के आसपास साफ सफाई तथा जल भराव वाले स्थानों पर सप्ताह में एक बार जला हुआ मोबिल अवश्य डालने के लिए प्रेरित किया जाएगा। हर रविवार मच्छर पर वार कार्यक्रम प्रभावी ढंग से किया जाएगा। मच्छर के प्रजनन वाले स्थानों, जल-जमाव, कूलर, पानी का टैंक, गमला, नारियल के खोल आदि नष्ट करने के लिए जागरूक किया जाएगा। एसीएमओ डॉ डीपी सिन्हा ने बताया कि मलेरिया रोधी माह का मुख्य उद्देश्य लोगों के बीच मलेरिया के बारे में जागरूकता पैदा करना है। जनपद के समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर आशा, एएनएम एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ता के द्वारा घर-घर हर रविवार मच्छर पर वार’ स्लोगन का प्रचार-प्रसार कर जनमानस को जागरूक किया जाएगा। आशा एवं स्वास्थ्य कार्यकताओं द्वारा क्षेत्र में डोर-टु-डोर सर्वे कराया जाएगा और लोगों को जागरूक कर मलेरिया की जांच के लिए पीएचसी/सीएचसी पर भेजा जाएगा। इसकी निःशुल्क जाँच और इलाज विशेषज्ञ व डाक्टरों की देखरेख में जिले के सरकारी अस्पताल सहित सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध है। उन्होने कहा कि कोविड संक्रमण के साथ-साथ वेक्टर जनित बीमारियों पर ध्यान रखना होगा। उन्होंने बताया कि मलेरिया में व्यक्ति को ज्यादा देर तक बुखार आता है और यह बुखार प्रतिदिन 3 से 4 घंटे तक रहता है। मलेरिया 10 से 12 दिन तक व्यक्ति को प्रभावित करता है। मलेरिया में तेज बुखार के साथ ठंड लगना, उल्टी, दस्त, तेज पसीना आना तथा शरीर का तापमान 100 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बढ़ जाना, सिरदर्द, शरीर में जलन तथा मलेरिया होने के पश्चात रोगी का शरीर में कमजोरी महसूस होना आदि मलेरिया के लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में साल 2021 में 2365 ब्लड स्लाइड बनाई गई, जिसमें से 2 मरीज मलेरिया के चिन्हित हुए। इनमें से ज़्यादातर मरीज शहरी क्षेत्र के देखे गए । सभी का उपचार कर ठीक किया जा चुका है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भदौरा के अधीक्षक डॉ रवि रंजन ने बताया कि मलेरिया के बचाव के लिए अपने आसपास व घरों में साफ-सफाई रखें, कूलर के पानी की सप्ताह में एक बार सफाई करना, पूरी आस्तीन के कपड़े पहनना, घर में मौजूद पुराने बर्तनों, टायरों एवं खाली गमलों इत्यादि में पानी जमा न होने देना, मच्छरदानी का उपयोग करना। मच्छरों से बचने के लिए पूरा प्रबंध करना चाहिए।