आगरा। भारतीय रेल द्वारा वाराणसी मंडल पर चयनित 12 स्टेशनों को ग्रीन स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसके लिए उत्तर प्रदेश एवं बिहार के प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा इस कार्य हेतु प्रक्रिया का अनुमोदन प्राप्त कर लिया गया है। इन स्टेशनों पर एनजीटी के मानकों के अनुरूप जल एवं वायु प्रदुषण को नियंत्रित रखा जायेगा। वाराणसी मंडल के मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन पर एनजीटी के मानकों के अनुरूप जल एवं वायु क्वालिटी को नियंत्रित रखते हुए ग्रीन स्टेशन के रूप में विकसित किया गया है। मंडुवाडीह स्टेशन को क्वालिटी सर्किल फोरम ऑफ़ इंडिया द्वारा 5 एस सर्टिफिकेशन भी दिया गया है। पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि मंडुवाडीह एवं छपरा कोचिंग डिपो में जल संरक्षण हेतु वाटर रिसाइकिलिंग प्लांट लगाया गया है। इसके साथ ही मंडुवाडीह एवं छपरा स्टेशनों पर कोचों के साफ-सफाई हेतु ऑटोमेटिक कोच वाशिंग प्लांट भी लगाया जा रहा है, वाराणसी मंडल पर पानी बचाने के लिए किया गया पंप ऑटोमेशन किया जा रहा है। स्वच्छता पर्यावरण संरक्षण का एक प्रमुख अंग है जिसे ध्यान में रखते हुए स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत भारतीय रेल द्वारा लगभग सभी ट्रेनों में बायो टॉयलेट लगाया गया, जिससे अब कोचों से गंदगी (मल-मूत्र) पटरियों पर नहीं गिरती है। इन प्रयासों से रेल की पटरियों पर प्रतिदिन गिरने वाले 2 लाख 74 हजार लीटर गंदगी को रोका जा सका है, जिससे स्वच्छता में उल्लेखनीय सुधार होने के साथ इस गंदगी से पटरियों एवं उनकी फिटिंग का क्षरण भी रोका जा सका है। वाराणसी मंडल पर हर वर्ष वृक्षरोपण का कार्यक्रम योजनाबद्ध तरीके से किया जाता है, इस वित्तीय वर्ष में कुल 6 हजार पौधे लगाए गए हैं, इस वर्ष भी हजारों पौधों को लगाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसका शुभारंभ 5 जून को हो चुका है। रेलवे पर वृक्षारोपण कोई कार्य नहीं अपितु जीवन शैली है, जब भी कोई भी निरीक्षण हो अथवा कोई भी कार्यक्रम हो, उसमें वृक्षारोपण एक अभिन्न हिस्सा की तरह सम्मिलित होता है। इसकी बानगी रेलवे के कार्यालयों एवं कॉलोनियों से साफ परिलक्षित होती है, रेलवे के सरकारी आवासों में रहने वाले रेलकर्मी स्वयं अपने आवासों में पौधरोपण कर उसको पोषित करते हैं। पौधों के बेहतर रख रखाव के लिए नवप्रयोग के तौर पर पौधे के साथ उसे लगाने वाले अधिकारी कर्मचारी का नेम प्लेट भी लगा दिया जाता है। वाराणसी मंडल में रेलपथ के किनारे खाली पड़ी भूमि पर छपरा, बलिया, मऊ एवं गाजीपुर सिटी स्टेशनों पर ग्रीन नर्सरियाँ भी विकसित की गई हैं।