गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं संबद्ध महाविद्यालयों के स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी प्रोन्नत होंगे। जुलाई से उनकी ऑनलाइन कक्षाएं भी शुरू कर दी जाएंगी। लेकिन प्रोन्नत किए गए विद्यार्थियों का एक टेस्ट भी होगा। अगर विद्यार्थी ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड में होने वाले टेस्ट को पास नहीं कर पाते हैं तो उन्हें पिछली कक्षा में ही पढ़ाई करनी होगी। विश्वविद्यालय ने इस संबंध में निर्णय ले लिए हैं। अब उसे शासन के निर्णय का इंतजार है। हालांकि तीन सदस्यीय कुलपति की टीम ने विद्यार्थियों को प्रोन्नत करने की सिफारिश की है। निर्णय के मुताबिक विश्वविद्यालय कक्षाएं चलने के तीन महीने के भीतर टेस्ट करा लेगा ताकि उसके बाद विद्यार्थी के सामने अगली कक्षा में बने रहने को लेकर कोई संशय न रह जाए। इस निर्णय के पीछे विश्वविद्यालय प्रशासन की मंशा है कि अध्ययन-अध्यापन प्रक्रिया को प्रभावित होने से रोका जाए। गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय में अध्ययन-अध्यापन प्रक्रिया जारी रहे और गुणवत्ता भी प्रभावित न हो, इसे ध्यान में रखते हुए प्रोन्नति और उसके बाद टेस्ट की प्रक्रिया अपनाने का निर्णय लिया गया है। जुलाई से ऑनलाइन कक्षाएं हर हाल में शुरू कर दी जाएंगी। इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है।