वाराणसी। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में अनलॉक के बाद दर्शन के लिए मंदिर के कपाट खुले तो सैकड़ों आस्थावानों ने शीश नवाया। काशी विश्वनाथ और संकट मोचन दरबार में श्रद्धालुओं का तांता लग गया। मुख्य गेट से मंदिर के अंदर एक साथ पांच लोगों को प्रवेश दिया गया। वहीं मुख्य गेट के बाहर की तस्वीर कुछ और दिखाई दी। मुख्य गेट के बाहर कोरोना महामारी पर आस्था भारी पड़ी। यहां श्रद्धालु सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भूल गए। मंगलवार को संकट मोचन मंदिर में हनुमान के चरणों में श्रद्धालुओं ने शीश नवाया। मंदिर प्रशासन द्वारा कोविड के नियमों के अनुसार मुख्य गेट से मास्क लगाए हुए पांच-पांच लोग को ही प्रवेश दिया जा रहा था। तमाम नियमों के बावजूद कुछ ही समय में मुख्य गेट पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गई। देखते ही देखते लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भूल गए। कोरोना महामारी पर आस्था भारी दिखी। संकट मोचन मंदिर में पांच लोग जब दर्शन करके निकास द्वार से निकल जाते थे, उसके बाद ही पांच अन्य लोगों को प्रवेश दिया जा रहा था। मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र ने बताया कि कोरोना के संक्रमण को देखते हुए मंदिर में कोरोना के नियमों का पूरी तरह से पालन कराया जा रहा है।महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र ने बताया कि दर्शनार्थियों को किसी तरह से परेशानी न हो यह मंदिर की प्राथमिकता है। उन्होंने मंदिर में दर्शन पूजन करने वालों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते रहने के लिए प्रेरित किया।