लखनऊ। गोमती में गिर रहे जीएच कैनाल (हैदर कैनाल) के सीवर के पानी को शोधित करने के लिए बन रहे 120 एमएलडी क्षमता के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के निर्माण में आ रही बजट की बाधा को सरकार ने दूर कर दिया है। एसटीपी का निर्माण अब केंद्र पोषित अमृत योजना के तहत कराया जाएगा। एसटीपी के निर्माण पर 297.38 करोड़ रुपये खर्च होंगे। नगर विकास विभाग द्वारा तैयार किए संशोधित परियोजना को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इसकेसाथ ही एसटीपी का निर्माण जारी रखने का रास्ता साफ हो गया है। हैदर कैनाल के जरिए गोमती में शहर के एक बड़े हिस्से का सीवर गिरता है। गोमती की स्वच्छ बनाने के लिए चल रही कवायद के तहत ही हैदर कैनाल पर नदी के किनारे ही एक एसटीपी का निर्माण कराया जा रहा है। अब तक यह काम राज्य सरकार के बजट से नगर विकास विभाग द्वारा कराया जा रहा था, लेकिन बजट न मिल पाने की वजह से एसटीपी का निर्माण काफी दिनों से ठप था। नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने बताया कि अमृत योजना के अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय उच्चाधिकार संचालन समिति की संस्तुति पर अब इस एसटीपी का निमाण और उससे संबंधित अन्य कार्य भी अमृत योजना के तहत कराने का फैसला लिया गया है। उन्होंने बताया कि परियोजना की लागत में संशोधन किया गया है। नगर विकास मंत्री ने बताया कि संशोधित लागत 29738.41 लाख रुपये है। इसमें केंद्रांश 8853.94 लाख, राज्यांश 12915.13 लाख और निकाय अंश 7969.13 लाख शामिल है। उन्होंने बताया कि सरकार के इस फैसले से जहां एसटीपी के निर्माण में आ रही बजट की बाधा दूर हो गई है, वहीं परियोजना भी तेजी से पूरा हो सकेगी।