गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बांस से गहनों को बनाने के लिए 22 अगस्त से प्रशिक्षण की शुरुआत होगी। प्रशिक्षण, कॉमन फैसिलिटी सेंटर में दिया जाएगा। पूर्वांचल में पहली बार बांस के आभूषणों को बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यही नहीं बांस के तैयार उत्पाद को बिक्री के लिए बाजार में भी उतारा जाएगा। 15 दिवसीय प्रशिक्षण बैंबू लेडी ऑफ इंडिया नीरा शर्मा और उनकी टीम के द्वारा दिया जाएगा।
डीएफओ अविनाश कुमार ने बताया कि लक्ष्मीपुर में कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) बनकर तैयार हो गया है। यहां होने वाले प्रशिक्षण में कुल 25 लोगों को शामिल किया गया है। इनमें बांसफोड़ समाज के लोगों को 50 प्रतिशत और इसके बाद सामाजिक व आर्थिक रूप से जरूरतमंदों को शामिल किया गया है। ऐसे में हुनर के निखारने के लिए जरूरतमंद कारीगरों को वन विभाग में डीएफओ कार्यालय में संपर्क करना होगा। सभी मानकों को पूरा करने के बाद उन्हें प्रशिक्षण में शामिल किया जा सकेगा। यहां बांस से झुमके, हार, उंगली के छल्ले, हेयर बैंड, क्लिप, ब्रोच पिन, चूड़ियां, कंगन, बाजूबंद, पायल और फैशन के अन्य सामान बनाना सिखाया जाएगा। इसके बाद इन्हें तैयार कर बाजार में उतारा जाएगा। इससे लोगों को रोजगार का सुलभ साधन उपलब्ध हो सकेगा। सीएफसी में कोई भी व्यक्ति बांस के उत्पाद बना सकता है। इसके लिए उसे अपना बांस लेकर जाना होगा। उत्पाद बनाने में खर्च हुई बिजली के बिल का ही भुगतान कर उत्पाद बना सकता है। वन विभाग इन उत्पादों के लिए बाजार भी उपलब्ध कराएगा।