वाराणसी। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम की जीत के बाद काशी जश्न में डूब गई। कांस्य पदक मिलने के बाद बीएचयू, बरेका, सिगरा, यूपी कॉलेज से लेकर हॉकी टीम के सदस्य ललित के पैतृक गांव भगतपुर तक हर तरफ खुशी का माहौल रहा। भारतीय टीम की जीत पर ललित के पिता सतीश उपाध्याय ने बताया कि 41 साल बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम को पदक मिलना बड़ी उपलब्धि है। स्वर्ण का मलाल नहीं, कांस्य पदक भी बेहद खास है। वहीं मां रीता ने बताया कि जीत के बाद सुबह बेटे ने फोन करके आशीर्वाद लिया। बृहस्पतिवार को टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक के लिए जर्मनी से हुए मुकाबले को 5-4 से जीतकर भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया। इस बार बनारस के ललित उपाध्याय भी टीम में शामिल रहे। इनसे पहले आखिरी बार 1996 में अटलांटा ओलंपिक में राहुल सिंह और उनके बड़े भाई विवेक सिंह ने 1988 के सियोल ओलंपिक में काशी से हिस्सा लिया था। ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले ललित उपाध्याय को नगर निगम ने स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर बनाया है। भारतीय हॉकी टीम की जीत पर नगर निगम टीम को बधाई देते हुए काशी के ललित को उक्त सम्मान दिया गया किया।