लखनऊ। प्रदेश में किसी भी स्थान पर एक साथ पांच या इससे ज्यादा मरीज मिलते हैं तो संबंधित सैंपल की जीनोम सिक्वेसिंग कराई जाएगी। संक्रमितों के संपर्क में आने वाले सभी लोगों की आरटीपीसीआर जांच भी कराई जाएगी। इन लोगों के सैंपल भी सुरक्षित रखे जाएंगे, ताकि जरूरत पड़ने पर दोबारा जांच कराई जा सके। इसके लिए सभी मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को निेर्देश दिया गया है। प्रदेश में कोविड नियंत्रण के लिए हर स्तर पर सावधानी बरती जा रही है। अगस्त माह में प्रदेशभर में हर दिन मिलने वाले संक्रमितों की संख्या 50 से कम बनी हुई है। प्रतिदिन करीब ढाई लाख सैंपल की जांच कराई जा रही है। ऐसे में तय किया गया कि किसी भी गांव या मोहल्ले में अचानक पांच से ज्यादा मरीज मिलते हैं तो उसे गंभीरता से लेते हुए जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाएगी। इसके लिए उनके सैंपल सुरक्षित रखें जाएंगे और विभाग के उच्चाधिकारियों को सूचना देकर उन्हें सिक्वेंसिंग के लिए केजीएमयू भेजा जाएगा। निदेशक (संक्रामक) डा. एके पालीवाल ने बताया कि इन दिनों संक्रमितों की संख्या कम हो गई है। ऐसे में किसी भी स्थान पर अचानक पांच मरीज मिलना गंभीर बात है। ऐसे में उस सैंपल की जीनोम सिक्वेसिंग कराकर वैरिएंट का पता लगाया जाएगा। ताकि कोविड को बढ़ने से रोका जा सके। इस संबंध में बीएसएल लैब वाले अस्पतालों के सभी मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश दिया जा चुका है।