लखनऊ। कोरोना महामारी के चलते अधिकांश लोग वर्क फ्रॉम होम मतलब घर में बैठकर ही ऑफिस का काम कर रहे हैं। लेकिन घर के माहौल में आपको काम करने में काफी दिक्क्तें आतीं हैं। कभी आपके आस-पास रखी हुई चीजें आपके काम को बाधित करती हैं, तो कभी घर में आप सही जगह नहीं बैठते। ऐसे में आपका काम करने का बहुत मन होने के बाबजूद भी आप काम के प्रति निरुत्साही से रहते है, गुस्सा आता है या सीट पर बैठते ही दिमाग एकाग्र नहीं हो पाता। यदि ऐसा है तो आप अपने वर्क स्टेशन में वास्तु के अनुसार कुछ बदलाब कीजिए, काम में भी मन लगेगा और उत्पादकता भी बढ़ेगी। यदि आप लेखन, बैंक, व्यापार प्रबंधन या एकाउंट्स जैसे व्यवसाय से जुड़े हैं, तो आपके लिए उत्तर की ओर मुख करके बैठना लाभकारी होगा। वहीं आपकी जॉब कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग, शिक्षा, ग्राहक सेवा, तकनीकी सेवा, क़ानून या मेडिकल से संबंधित है तो पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना श्रेष्ठ है। इस तरह काम में आपका मन लगेगा, एनर्जी लेवल बढ़ेगा और नकारात्मक ऊर्जाएं भी बाधा नहीं बनेंगी। ध्यान रहे कि काम के लिए बैठते समय उत्तर-पश्चिम दिशा से बचना चाहिए, क्योंकि इस दिशा में बैठने से मन की एकाग्रता में कमी आती हैं। जिस कुर्सी का आप उपयोग कर रहे हैं। उसके पीछे दीवार होनी चाहिए, क्योंकि इसे वास्तु के हिसाब से शुभ माना गया है। कुर्सी के पीछे कभी भी खिड़की या दरवाजा नहीं होना चाहिए और न ही आपके कुर्सी-मेज के ठीक ऊपर बीम हो, क्योंकि यह आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है। वास्तुशास्त्र के अनुरूप, टेबिल पर फाइल, कागजों का ढेर या घर का अन्य सामान रखना कार्य की गुणवत्ता को तो प्रभावित करता ही है, नकारात्मक ऊर्जा में भी वृद्धि होती है। नकारात्मक ऊर्जा के बढ़ने से आप तनाव में रहेंगे और समय से कार्य पूर्ण नहीं होगा, इससे बचने के लिए अपनी टेबिल को साफ़-सुथरा रखें। जिस मेज पर आप काम कर रहे हैं, उसमें ग्लास टॉप नहीं हो, क्योंकि कांच नकरात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता हैं जिससे आपके काम की गति धीमी हो सकती हैं। यदि ग्लास टॉप हैं तो मेज पर सात्विक रंग जैसे हरा या सफ़ेद रंग का कपड़ा बिछाएं। यदि आप किसी अंतर्राष्ट्रीय कार्य अवसर की प्रतीक्षा कर रहे हैं, तो अपनी मेज के उत्तर-पश्चिम की तरफ एक ग्लोब रखें, इससे आप नए अवसरों को आमंत्रित कर सकते हैं।