वाराणसी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि जल्द ही एमए हिंदू अध्ययन पाठ्यक्रम की शुरुआत की जाएगी। पाठ्यक्रम को वर्तमान शैक्षणिक सत्र से ही विश्वविद्यालय में लागू किया जाएगा। दो वर्षीय पाठ्यक्रम को हिंदू धर्म के वैशिष्ट्य एवं प्राचीन परंपराओं पर आधारित है। उन्होंने बुधवार को आयोजित वेबिनार में इसकी जानकारी दी। कुलपति प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि पाठ्यक्रम को आईआईटी कानपुर के प्रो. नचिकेता तिवारी की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की टीम ने तैयार किया है। इस पाठ्यक्रम में प्रमाण विमर्श, वाद परंपरा एवं शास्त्रों के अर्थ निर्धारण की पद्धति, भारतीय दर्शन (शास्त्रार्थ), वेदों, पुराणों एवं दर्शन के सार तत्व, पाश्चात्य ज्ञानमीमांसास, रामायण, महाभारत, स्थापत्य, लोकवार्ता, हिंदू कला, नाट्य, भाषा विज्ञान, सैन्य विज्ञान को रखा गया है। कुलपति प्रो. त्रिपाठी ने बताया कि पाठ्यक्रम को नई शिक्षा नीति के अनुसार विश्वविद्यालय में लागू कराया जाएगा। इस पाठ्यक्रम में पाश्चात्य दार्शनिकों का तुलनात्मक विवेचन प्रस्तुत किया गया है। पाठ्यक्रम को लागू करने के लिए यूजीसी के चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह की अध्यक्षता, आरएसएस के सह सरसंघचालक डॉ. कृष्णगोपाल एवं स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती के संरक्षकत्व में वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार के दौरान बीएचयू के कुलपति प्रो. वीके शुक्ला ने पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी दी। वेबिनार में काशी विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आनंद कुमार त्यागी, नालंदा विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुनैना सिंह आदि शामिल हुए।