वाराणसी। काशी से चुनार तक रो-रो सेवा का रविवार को शुभारंभ हुआ। कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने सुबह रविदास घाट से रो-रो को हरी झंडी दिखाकर चुनार के लिए रवाना किया। पहले दिन 125 यात्रियों ने चुनार तक की रोमांचकारी सैर की। हर-हर महादेव के उद्घोष से शुरू हुई यात्रा के बीच पर्यटकों ने गीत-संगीत और बनारसी खानपान का भी लुत्फ उठाया। पहला ठहराव साढ़े ग्यारह बजे रोहनिया स्थित शूलटंकेश्वर मंदिर में रहा। यहां आधे घंटे मंदिर में दर्शन-पूजन और भ्रमण के बाद पुन: रो-रो चुनार के लिए रवाना हुआ। इसी बीच रॉक बैंड पार्टी की धुन पर पर्यटक थिरकते रहे। लगभग डेढ़ बजे जलपोत चुनार पहुंचा। यहां मिर्जापुर के प्रशासनिक अधिकारियों ने रो-रो का स्वागत किया। सुबह का नाश्ता, दोपहर का भोजन और शाम के नाश्ते का प्रबंध रो-रो की ओर से हुआ। पहले दिन 90 पर्यटकों ने ऑनलाइन बुकिंग कराई थी। तीन हजार रुपये प्रति यात्री टिकट दर में ही नाश्ता व भोजन जुड़ा रहा। उधर, पौने चार बजे रो-रो चुनार से काशी के लिए रवाना हुआ और साढे़ पांच बजे रविदास घाट पहुंचा। लगभग 250 क्षमता वाले रो-रो पर शादी विवाह और बर्थडे पार्टी का भी आयोजन किया जा सकता है। पहले ही दिन कई यात्रियों ने क्रूजलाइन के अधिकारियों से इस बाबत पूछताछ की। तीन हजार रुपये प्रति यात्री के दर से यदि समूह में दस यात्री होते हैं तो दो अतिरिक्त यात्रियों की यात्राएं मुफ्त रहेंगी। वहीं अधिकारियों के अनुसार बर्थडे पार्टी और अन्य आयोजन के लिए जल्द ही रेट निर्धारित किया जाएगा। क्रूज में एयरकंडीशन हाल, बायो टायलेट, गेम व नाश्ता आदि के लिए ओपेन हाल, दूसरे तल पर रूम आदि की सुविधाएं हैं। चुनार में अलकनंदा क्रूजलाइन और मिर्जापुर अधिकारियों की हुई बैठक में रो-रो सेवा को विस्तार देने की योजना पर चर्चा हुई। वाराणसी और मिर्जापुर के अधिकारियों सहित अलकनंदा क्रूजलाइन अधिकारियों ने मंथन किया कि रो-रो सेवा को बाबा विश्वनाथ धाम से विंध्यवासिनी दरबार तक जोड़ा जाए। चुनार में मंडलायुक्त योगेश्वर राम मिश्र, जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार, पुलिस अधीक्षक अजय कुमार, उपजिलाधिकारी चुनार रोशनी यादव व पुलिस उपाधीक्षक रामानंद राय ने गंगाघाट पहुंचकर पर्यटकों का स्वागत किया। इसके बाद पर्यटक चुनार के ऐतिहासिक दुर्ग का भ्रमण करने पहुंचे। वहां पर्यटकों ने राजा भतृहरि नाथ की समाधि, रानी सोनवा का मंडप व विशालकाय बाउली देखी।