साहसिक खेलों के शौकीनों ने गंगा की लहरों में उठाया राफ्टिंग का लुत्फ

उत्तराखंड। लंबे इंतजार के बाद ऋषिकेश में साहसिक खेलों के शौकीनों ने गंगा की लहरों में राफ्टिंग का लुत्फ उठाया। सुबह से लेकर सूर्यास्त तक गंगा नदी में रंग-बिरंगी राफ्ट तैरती हुई नजर आई। पर्यटकों ने क्लब हाउस और ब्रह्मपुरी से राफ्टिंग का आनंद लिया। पहले दिन करीब 500 पर्यटकों ने गंगा की तेज के लहरों के बीच मौज मस्ती की। सोमवार को राफ्ट संचालक और पर्यटकों ने जय मां गंगे के उद्घोष के साथ गंगा में राफ्ट उतारी। सुबह से लेकर शाम तक पर्यटकों ने गंगा की लहरों के साथ अठखेलियां की। शुरूआत में अभी पर्यटक क्लब हाउस और ब्रह्पुरी से ही राफ्टिंग कर रहे हैं। जैसे-जैसे पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी वैसे ही शिवपुरी, मरीन ड्राइव और कौडियाला से भी राफ्टिंग शुरू होगी। राफ्ट संचालक जीतपाल सिंह ने बताया कि पर्यटकों के लिए अभी 12 किमी ट्रैक क्लब हाउस और 9 किमी ट्रैक ब्रह्मपुरी से ही राफ्टिंग हो रही है। क्लब हाउस से प्रति पर्यटक 600 और ब्रह्मपुरी से प्रति पर्यटक 400 रुपये शुल्क वसूला जा रहा है। बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों की भी ऑनलाइन बुकिंग होनी शुरू हो गई है। राफ्ट संचालकों का कहना है कि कोरोनाकाल में राफ्टिंग का व्यवसाय चौपट हो गया था। एक सितंबर से 30 जून तक राफ्टिंग संचालित होती है। कोरोनाकाल के चलते बीते एक अप्रैल को राफ्टिंग का संचालन बंद हो गया था। साढ़े चार महीने बीत जाने के बाद अब कारोबार शुरू हुआ है। मां गंगा का आशीर्वाद रहा तो व्यवसाय से जुड़ी उम्मीदें धूमिल नहीं होंगी। सोमवार से योगनगरी में राफ्टिंग शुरू होने से रोमांच के दीवानों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। फिलहाल दिल्ली और हरियाणा से पर्यटक राफ्टिंग का लुत्फ उठाने के लिए ब्रह्मपुरी और क्लब हॉउस पहुंच रहे हैं। लंबी दूरी तक राफ्टिंग करने के शौकिनों के लिए जल्द शिवपुरी से भी राफ्टिंग प्वांइट खुलेंगे। वहीं कोरोनाकल में लंबे समय तक सूखा झेलने के बाद राफ्टिंग व्यवसायियों की कारोबार पटरी पर लौटने की हसरत परवान चढ़ रही है। वहीं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि गंगा नदी में 10 साल के बच्चों को राफ्टिंग की अनुमति दी जा सकती है। इसके लिए तकनीकी परीक्षण किया जाएगा। प्रदेश सरकार की ओर से 371 राफ्टिंग गाइडों को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। 303 एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स को भी 10-10 हजार की सहायता दी गई है। करीब सात करोड़ की धनराशि वितरित की जा चुकी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *