प्रत्येक जीव के अंग संग रक्षक बन कर रहते हैं परमात्मा: दिव्य मोरारी बापू
राजस्थान/पुष्कर। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि देवर्षि नारद द्वारा भगवान् श्रीकृष्ण की गृहचर्या का दर्शन- भगवान ने भौमासुर का उद्धार किया। प्रभु के सोलह हजार एक सौ आठ विवाह हुए, देवर्षि नारद जी ने विचार किया भगवान का परिवार कैसे चल रहा होगा। गृहचर्या का दर्शन करने द्वारिका पधारे, लेकिन उन्होंने प्रत्येक महल में भगवान का दर्शन किया। ईश्वर के लिए यह कोई कठिन बात नहीं है। पूर्ण चांद निकला दो सौ घड़े में पानी भरकर रख दो सब में दिखेगा ईश्वर एक होते हुए भी सबके साथ है और सबके पास है,भगवान एक है तो सबके साथ कैसे रह सकते हैं? इसका समाधान है- हवा एक है, लेकिन सबके साथ है, अग्नि एक है, लेकिन सबके साथ है, अमुक डिग्री गर्मी सब शरीर में होती है। सूर्य एक होता है सबको प्रकाश दे रहा है इसी तरह भगवान एक हैं सबके अंग संग रहता हैं। सूर्य एक हैं लेकिन सर्वत्र हैं, अग्नि एक है, लेकिन सब जगह है, आकाश एक है, सर्वत्र है। धरती एक है, सर्वत्र है। वायु एक है, लेकिन सब जगह है। जल एक है, लेकिन सर्वत्र है। क्योंकि व्यापक है। इसी तरह परमात्मा भी सर्वत्र है। क्योंकि व्यापक है। प्रत्येक जीव के अंग संग परमात्मा रक्षक वन करके रहते हैं। यह रहस्य व्यक्ति को समझ में आ जाय तो वह पूर्णकाम, निर्भय और निश्चिंत हो जाता है। छोटीकाशी बूंदी की पावन भूमि, श्रीसुदामा सेवा संस्थान वृद्धाश्रम एवं वात्सल्य धाम का पावन स्थल, पूज्य महाराज श्री- श्री घनश्याम दास जी महाराज के पावन सानिध्य में- चातुर्मास के पावन अवसर पर- पाक्षिक श्रीमद् भागवत कथा में द्वारिका लीला का गान किया गया। कल श्रीसुदामा जी महाराज की कथा का गान किया जायेगा।