रेट्रो टैक्स संबंधित नियमों को सरकार ने किया अधिसूचित

नई दिल्ली। ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी और वोडाफोन समूह जैसी कंपनियों को पिछली तिथि से भरे गए टैक्स की रकम को वापस पाने के लिए सरकार को भविष्य में किसी भी तरह के दावे में न घसीटने की गारंटी देनी होगी और सभी लंबित मामले वापस लेने होंगे। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स कानून का प्रावधान खत्म करने के बाद इससे संबंधित नियमों को पहली अक्टूबर से अधिसूचित कर दिया है और इन नियमों में कंपनियों के लिए अपना टैक्स रिफंड पाने के लिए कुछ सख्त प्रावधान किए गए हैं। नियमों में कहा गया है कि वर्ष 2012 के रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स कानून के तहत सरकार ने जो भी टैक्स दावे किए हैं, वे वापस लिए जाएंगे और इस कानून के तहत जो भी टैक्स वसूल किया गया है उसे वापस कर दिया जाएगा। इस कानून के तहत सरकार के पास कानून लागू होने से भी पहलेे की तिथि से कंपनियों से इनकम टैक्स वसूलने का अधिकार था और कई बड़ी कंपनियों को इसके कारण भारी-भरकम राशि टैक्स के रूप में चुकानी पड़ी थी। केयर्न एनर्जी ने इसके खिलाफ विदेशों में मामला दर्ज करके भारत सरकार से 1.2 अरब डॉलर की राशि वापस पाने का मुकदमा जीत रखा है और इस राशि की वसूली के लिए विदेशों में सरकार की कई संपत्तियां जब्त करा रखी हैं। पेरिस और अमेरिका में ऐसी संपत्तियां जब्त होने से सरकार को शर्मिंदगी उठानी पड़ी और तब इस कानून को वापस ले लिया गया और इसके तहत वसूली गई राशि को बिना किसी ब्याज या जुर्माने के वापस करने के लिए सरकार तैयार हो गई है।

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