जम्मू-कश्मीर। केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में छह लाख हेक्टेयर अनुपयोगी भूमि (वेस्ट लैंड) को कृषि और बागवानी के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। भविष्य में आने वाले खाद्य संकट को लेकर केंद्र सरकार ने देश भर में 97 मिलियन हेक्टेयर अनुपयोगी भूमि को खाद्य उत्पादन से जोड़ने का लक्ष्य बनाया है। जम्मू-कश्मीर में बड़े स्तर पर भूमि चिह्नित भी कर ली गई है, जहां कृषि और बागवानी की गतिविधियां शुरू करवाई जाएंगी। केंद्रीय मंत्री कठुआ के बिलावर में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। गिरिराज सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बंजर भूमि को खाद्य उत्पादन वाली भूमि बनाने के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं और संस्थाओं की मदद ली जाएगी। मनरेगा से लेकर पंचायती राज संस्थाओं की मदद से पौधरोपण किया जाएगा। जहां कृषि गतिविधि हो सकेगी, वहां फसलें उगाई जाएंगी। प्रदेश में बागवानी की बड़ी संभावना है। इसीलिए सरकार ने सघन बागवानी (हाई डेंसिटी) पौधरोपण में सब्सिडी के लिए एक कनाल भूमि को भी मान्य कर दिया है। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में बदलाव और विकास की जो नींव रखी है उसे अब यहां के लोग भी महसूस कर रहे हैं। समारोह में डीडीसी अध्यक्ष महान सिंह, उपाध्यक्ष रघुनंदन सिंह बबलू, डीसी कठुआ राहुल यादव सहित अन्य मौजूद रहे।