भारत में विकसित हुई दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन

नई दिल्ली। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए दुनिया की पहली डीएनए वैक्सीन भारत में विकसित हो चुकी है। करीब एक महीने पहले इस वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की अनुमति भी मिल चुकी है, लेकिन तीन खुराक वाली इस वैक्सीन की कीमत अभी भी तय नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि यह वैक्सीन अन्य की तुलना में सबसे महंगी हो सकती है। कंपनी ने तीन खुराक की कीमत करीब दो हजार रुपये रखी है जिसे लेकर सरकार के साथ अभी भी बातचीत का दौर चल रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि अभी डीएनए वैक्सीन की कीमत तय नहीं हुई है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि जायडस कैडिला फॉर्मा कंपनी ने वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर दिया है। यह वैक्सीन 12 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग में इस्तेमाल की जा सकती है। कंपनी को हाल ही में वैक्सीन की दो खुराक करने के लिए तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति भी मिल चुकी है लेकिन अभी इसे टीकाकरण में शामिल नहीं किया गया है। डीएनए वैक्सीन के अलावा कोरोना टीकाकरण में अब तक मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन की एकल खुराक वाली वैक्सीन भी शामिल नहीं हो पाई है। वहीं टीकाकरण में शामिल स्पूतनिक-5 वैक्सीन का घरेलू उत्पादन अब तक शुरू नहीं हो पाया है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि कोविशील्ड और स्पूतनिक-5 की तुलना में डीएनए वैक्सीन थोड़ी महंगी हो सकती है। इस वैक्सीन को देने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है जिस पर काफी खर्चा हो सकता है।

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