लखनऊ। कोविड-19 का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन पहले के मुकाबले छह गुना ज्यादा संक्रामक है, इसलिए हर स्तर पर कहीं अधिक सावधानी बरतनी होगी। हालांकि इसके प्रसार की तीव्रता पर अभी भी मंथन हो रहा है। साथ ही यह कितना खतरनाक है, इसका अध्ययन भी जारी है। नया वैरिएंट विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार शोध के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि नये वैरिएंट पर पहले से मौजूद वैक्सीन का असर होगा या नहीं। केजीएमयू के सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च के प्रोफेसर डॉ. शैलेंद्र सक्सेना के अनुसार ओमिक्रॉन वायरस का संक्रमितों के शरीर में सेल के साथ अटैचमेंट ज्यादा देखा गया है। यही वजह है कि यह ज्यादा समय तक मरीज के शरीर में रहता है तथा ज्यादा संक्रामक भी होता है। हालांकि ज्यादा संक्रामक होना ज्यादा तीव्र या खतरनाक होने की निशानी नहीं है। जैसा कि पहली लहर के दौरान वायरस का संक्रमण स्तर ज्यादा था, लेकिन यह उतना खतरनाक नहीं था। वहीं दूसरी लहर के दौरान इसके विपरीत स्थिति देखने को मिली। इसका संक्रमण स्तर भले कम था, लेकिन यह कहीं अधिक खतरनाक था। नया वैरिएंट छह गुना ज्यादा ताकतवर है, लेकिन यह कितना खतरनाक है, इसके बारे में अभी स्थिति साफ नहीं है।