नमामि गंगे परियोजना के तहत किया जाएगा मुरार नदी का पुनरुद्धार

मध्य प्रदेश। प्रत्येक नागरिक एक हजार वर्गफीट में वर्षा जल का संग्रहण करे तो 75 हजार लीटर जल का संग्रहण हो सकता है। आज हम मात्र आठ प्रतिशत वर्षा जल को संग्रहित कर पाते हैं, शेष व्यर्थ ही बह कर वाष्पित हो जाता है। मुरार नदी का पुनरुद्धार अब नमामि गंगे परियोजना के तहत किया जाएगा। प्रोजेक्ट अधिकारियों ने डीपीआर बनाना भी शुरू कर दी है। इस नदी के जीवित होने से शहर को काफी राहत मिलेगी। जल संरक्षण वर्तमान पीढ़ी पर आने वाली पीढ़ी का ऋण है। ये बात नमामि गंगे परियोजना के तहत शुक्रवार से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन के शुभारंभ पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कही। शहर के यात्रा एवं पर्यटन प्रबंधन संस्थान में तीन दिवसीय जल सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

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