सज्जनता ही सन्त मिलन का बनती है कारण: दिव्य मोरारी बापू

पुष्कर/राजस्थान। राष्ट्रीय संत श्री श्री 1008 श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि सच्चा वैष्णव-दूसरे का दोष नहीं देखता। पुनः पुनः वह अपना दोष देता है। सच्चा वैष्णव वह है जो अपने दोषों पर विचार करता है। सच्चे वैष्णव जैसे ठाकुर जी का दर्शन करने के लिए आतुर रहते हैं, उसी तरह ठाकुर जी भी उन भक्तों को दर्शन देने के लिए आतुर रहते हैं। सज्जनता सन्त मिलन का कारण बनती है। सतत उद्योग करने वाले के घर में रिद्धि-सिद्धि निवास करती है। सतत श्वास-प्रतिश्वास में भगवान् का स्मरण रहे, तो पाप नहीं हो सकता। सत्कर्म यज्ञ कहलाता है। यज्ञ से चित्त शुद्ध होता है। सत्कर्म करने के बाद कहो, ठाकुर जी ने कृपा की और मुझे निमित्त बनाया- मेरे हाथ से सत्कर्म कराया। सत्कार्य का अपने मुख से बखान मत करो। सत्कार्य का संकल्प करोगे तो भगवान् बल प्रदान करेंगे। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं नवनिर्माणाधीन गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *