नई दिल्ली। भारत ने चीन से एक बार फिर कहा है कि वह पूर्वी लद्दाख में अटकी सेना की वापसी की प्रक्रिया पूरी करे। शुक्रवार को हुई दोनों देशों की 15 वीं सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता में भारत ने चीन से साफ कहा कि वह देपसांग व डेमचोक में दोनों देशों की सेनाओं के बड़े जमावड़े को भी कम करे। दोनों देशों के बीच शुक्रवार को लद्दाख के चुशुल मोल्डो के भारतीय इलाके में सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता का अगला दौर हुआ।
भारतीय पक्ष का नेतृत्व लेह स्थित सेना की 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट-जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और चीन की ओर से दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला प्रमुख मेजर जनरल यांग लिन ने किया। मैराथन बैठक सुबह 10 बजे शुरू हुई और शुक्रवार देर रात समाप्त हुई। दोनों देशों के सैन्य कमांडरों की इस वार्ता को लेकर अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
वहीं आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चीन पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020 के पूर्व की स्थिति बहाल करने की मांग मानने के प्रति अनिच्छुक नजर आया। चीन ने सीमावर्ती इलाकों से पूरी तरह से सैन्य वापसी और 22 माह से चला आ रहा सैन्य टकराव खत्म करने के भी कोई संकेत नहीं दिए। हालांकि इस बात के संकेत हैं कि दोनों पक्ष कम से कम हॉट स्प्रिंग्स-गोगरा-कोंगका ला क्षेत्र में पेट्रोलिंग पॉइंट-15 पर रुकी हुई सैन्य वापसी कोपूरा करने के लिए सहमत हो सकते हैं।