पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि शिव-शंकर का परिवार ऐसा है, जो सर्व पूज्य है, सर्व उपास्य है। भगवान् विष्णु, राम और कृष्ण की पूजा सिर्फ सात्विक और वैष्णव लोग ही कर सकते हैं। लेकिन भगवान् शंकर कहते हैं कि- तुम जैसे भी हो मेरे सामने आ जाओ, मैं तुम्हारा कल्याण कर दूंगा। श्री कृष्ण और रामचंद्र के पुत्रों या परिवार के सदस्यों की पूजा नहीं है। लेकिन शंकर बाबा ऐसे हैं जिनकी पत्नी की भी अलग से पूजा होती है, उनके पुत्रों की पूजा है, उनके पौत्रों की भी पूजा है। उनकी महानता इसी में है कि-उनकी बड़ी लम्बी पूजा परम्परा है। भगवान् शंकर की सब पूजा करते हैं, उनकी पत्नी की दुर्गा-शक्ति के रूप में पूजा करते हैं, उनके पुत्र गणपति की पूजा भी करते हैं। गणपति के दो पुत्र हैं शुभ और लाभ, उनका नाम भी हर मंगल कार्य में लिखा जाता है। गणपति की पत्नियां सिद्धि और बुद्धि की भी पूजा है। शिव की महानता इसमें है कि उनके सारे परिवार की पूजा होती है। इसीलिए बाकी सब देव हैं, लेकिन शिव महादेव हैं। सब देवों में एक देव, हर-हर महादेव। हर-हर बोल दिया करो, बस सब कुछ हो जाता है। हमारे घर के दुःख हर, दरिद्र हर, संकट हर, बच्चों की दुष्ट बुद्धि या मूर्खता हर। अर्थात् आपने हर कह दिया और भोलेनाथ समझ जाते हैं कि क्या करना है? जोर से बोल दिया करो। जोर से क्यों बोलें? इसलिए कि वह सदैव समाधि में रहते हैं और आपकी आवाज उन तक पहुंच जाय, इसलिए जोर से बोलते हैं- हर-हर महादेव। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम,श्री गोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग, गोवर्धन, जिला-मथुरा, (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)।