मुंबई। निवेशकों के लिए शेयर बाजार में कारोबार करने के लिए सबसे बड़ा आकर्षण फ्यूचर एंड आप्शन (F&O ) का होता है। दरअसल बाजार में कई निवेशक F&O के जरिए कम रकम से ऊंचा मुनाफा पाने की कोशिश करते हैं। हालांकि शेयर बाजार को समझने वाले जानते हैं कि एफएंडओ का फायदा तभी मिलता है जब आपको अच्छी तरह से जानकारी हो। अगर आप भी एफएंडओ में माहिर होना चाहते हैं और तेजी के साथ कमाई करना चाहते हैं तो आपको इसके बारे में अच्छी तरह से समझना होगा। आज हम आपको एफएंडओ की शुरुआती जानकारी देते हैं। जिसके बाद आप इस मार्केट में आगे के लिए कदम बढ़ा सकते हैं
क्या होता है फ्यूचर और ऑप्शन:-
फ्यूचर और ऑप्शन डेरवेटिव मार्केट का हिस्सा होते हैं जिनकी वैल्यू किसी अन्य एसेट से तय होती है जैसे शेयर, कमोडिटी या इंडेक्स। डेरिवेटिव 4 तरह के होते हैं फारवर्ड, फ्यूचर , ऑप्शन और स्वैप। स्टॉक मार्केट में दो तरह के ही डेरिवेटिव होते हैं जिन्हें हम फ्यूचर और ऑप्शन कहते हैं। बाकी को आप मार्केट में ट्रेड नहीं कर सकते। सीधे शब्दों में कहें तो फ्यूचर और ऑप्शन एक डेरिवेटिव होते हैं जिनको बाजार में ट्रेड कर सकते हैं।
क्या होता है फ्यूचर?
Future एक डेरिवेटिव फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट होता हैं, जिसमें भविष्य के लिए पहले से तय समय और कीमतों पर किसी एसेट की खरीद और बिक्री का कॉन्ट्रैक्ट किया जाता है, फ्यूचर की सबसे बड़ी खासियत कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों को पूरा करने की बाध्यता होती है। यानि अगर आपने फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट किया है, तो भले ही आप फ्यूचर के खरीदार है या विक्रेता है तो आपको तय समय और तय तारीख पर एसेट से जुड़ी खरीद या बिक्री की शर्त पूरी करनी होगी, भले ही आपको उसमें नुकसान क्यो न हो रहा हो।
क्या होता है ऑप्शन?
Option भी फ्यूचर की तरह ही होतें हैं लेकिन फ्यूचर की तरह इसमें शर्त पूरी करने की बाध्यता नहीं होती। आप चाहें तों एसेट की खरीद या बिक्री जो भी आपने शर्त रखी हो उससे पीछे हट सकते हैं. यानि इस डेरिवेटिव फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट में ऑप्शन दिया जाता है। हालांकि इस ऑप्शन की एक कीमत होती है जिसे प्रीमियम कहा जाता है। यानि अगर आप एसेट की खरीद या बिक्री की शर्त से पीछे हटते हैं तो आपको ये प्रीमियम रकम छोड़नी होगी। बाजार के निवेशक घाटे का बड़ा सौदा करने की जगह प्रीमियम छोड़ना ज्यादा बेहतर समझते हैं। इसलिए ये रणनीति छोटे नुकसान की मदद से बड़ा नुकसान बचाने में मदद करती है। ऑप्शन दो तरह के होतें हैं कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्शन। कॉल ऑप्शन में ऑप्शन खरीदार के पास एसेट की खरीद का ऑप्शन मिलता है, वहीं पुट ऑप्शन में ऑप्शन खरीदार के पास एसेट बेचने का ऑप्शन होता है।
क्या है फ्यूचर और ऑप्शन का फायदा?
Future & Option एक रणनीति होती है जिसमें आप पहले ही भविष्य में किए जाने वाले सौदे को तय कर सकते हैं। अधिकांश निवेशक इस रणनीति की मदद से कम पैसों के साथ ज्यादा कमाई की उम्मीद करते हैं क्योंकि इन कॉन्ट्रैक्ट के लिए आपको सौदे की तिथि से पहले पूरी रकम नहीं देनी होती। ऐसे में अगर बाजार को लेकर निवेशक की सोच भविष्य के लिए सही रहती है तो वो कम पैसा लगाकर ज्यादा मुनाफा कमा सकता है। वहीं कई निवेशक इन सौदों की मदद से अपना नुकसान भी सीमित करते हैं। दरअसल बाजार की चाल समझने में निवेशकों को गलती हो सकती है, ऐसे में निवेशक एफएंडओ की मदद से नुकसान कम करने की भी कोशिश करते हैं। यानि फ्यूचर और ऑप्शन बाजार के निवेशकों के लिए एक अतिरिक्त विकल्प मुहैया कराता है जिससे एक तरफ वो सही फैसला लेकर फायदा कई गुना कर सकते हैं।