जम्मू कश्मीर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू कश्मीर और लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर हैं। शुक्रवार को दौरे के दूसरे दिन रक्षा मंत्री लेह के श्योक सेतु के लिए रवाना हुए हैं। उनके साथ डीजी बीआरओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी भी मौजूद हैं। रक्षा मंत्री आज श्योक सेतु समेत 75 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।
गुरुवार को दौरे के पहले दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर के बडगाम में शौर्य दिवस समारोह में हिस्सा लिया। यहां उन्होंने कहा कि सबसे दुखद तो तब रहा जब कश्मीरी पंडितों की हत्या से उन्हें घाटी से पलायन करने के लिए मजबूर किया गया। समाज का प्रबुद्ध वर्ग जब अन्याय के खिलाफ अपना मुंह बंद कर ले तो समाज के पतन में देरी नहीं लगती है। इस इलाके में जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सेना या राज्य के सुरक्षा बलों द्वारा आतंकियों व उनके मददगारों पर जब कोई कार्रवाई की गई है तो देश के तथाकथित बुद्धिजीवियों को उस कार्रवाई में आतंकियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन नजर आया है।
उन्होंने कहा कि कश्मीरियत के नाम पर आतंकवाद का जो तांडव इस प्रदेश ने देखा उसका वर्णन नहीं किया जा सकता। अनंत जानें गईं और अनंत घर उजड़ गए। धर्म के नाम कितना खून बहाया गया उसका कोई हिसाब नहीं है। आतंकवाद को कई लोगों ने मजहब से जोड़ने की कोशिश की। यहां आदि शंकराचार्य मंदिर में दर्शन करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। वे संपूर्ण भारत को सांस्कृतिक एकता के सूत्र में पिरोने वाले महापुरुष थे। वह राष्ट्र की एकता के प्रतीक थे। यहां पर उनके नाम पर मंदिर होना भी सांस्कृतिक एकता का बड़ा प्रतीक है।