राजकोट। शनिवार को पीएम मोदी ने स्वामीनारायण गुरुकुल राजकोट संस्थान के 75वें ‘अमृत महोत्सव’ को वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। पीएम मोदी ने स्वामीनारायण गुरुकुल के 75 वर्षों की यात्रा पूरी होने के अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि देश आजाद होने के बाद हम पर जिम्मेदारी थी कि शिक्षा के क्षेत्र में हम अपने प्राचीन वैभव और महान गौरव को पुनर्जीवित करें। स्वामीनारायण गुरुकुल इसी गौरव का उत्कृष्ट उदहारण है।
गुरुकुल ने छात्रों के मन-मस्तिष्क को अच्छे विचारों और मूल्यों से सींचा है: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि श्री स्वामीनारायण गुरुकुल राजकोट की यात्रा के 75 वर्ष ऐसे कालखंड में पूरे हो रहे हैं, जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष मना रहा है। इस गुरुकुल ने छात्रों के मन-मस्तिष्क को अच्छे विचारों और मूल्यों से सींचा है, ताकि उनका समग्र विकास हो सके। जिस कालखंड में दुनिया के दूसरे देशों की पहचान वहां के राज्यों और राज-कुलों से होती थी, तब भारत को भारतभूमि के गुरुकुलों से पहचाना जाता था। खोज और शोध भारत की जीवन पद्धति का हिस्सा थे। नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय हमारी गुरुकुल परंपरा के वैश्विक वैभव के पर्याय हुआ करते थे।
मुझे खुशी है कि ‘स्वामीनारायण गुरुकुल‘ ‘कन्या गुरुकुल’की शुरुआत कर रहा: पीएम मोदी
जब विश्व में लैंगिक समानता जैसे शब्दों का जन्म भी नहीं हुआ था उस समय हमारे यहां गार्गी और मैत्रेयी जैसी विदुषियां शास्त्रार्थ कर रही थीं। महृषि वाल्मीकि के आश्रम में आत्रेयी भी पढ़ रही थीं। मुझे खुशी है कि स्वामीनारायण गुरुकुल इस पुरातन परंपरा को, आधुनिक भारत को आगे बढ़ाने के लिए ‘कन्या गुरुकुल’ की शुरुआत कर रहा है। मैं इसके लिए आप सभी को अपनी शुभकामनाएं देता हूं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से देश पहली बार जिस शिक्षा व्यवस्था को तैयार कर रहा है वह दूरदर्शी है। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 65% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए देश पहली बार उस शिक्षा व्यवस्था को तैयार कर रहा है जो कि दूरदर्शी है। शून्य से अनंत तक, हमने हर क्षेत्र में शोध किए, नए निष्कर्ष निकाले और आज आजादी के इस अमृतकाल में देश, एजुकेशन इनफ्रास्ट्रक्चर हो या एजुकेशन पॉलिसी हर स्तर पर काम कर रहा है।