पुष्कर/राजस्थान। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा, शंका समाधान- प्रश्न-मैं मन चाहा, दिल चाहा मंत्र जप सकता हूं या कुलदेवता का ही मंत्र जपना है। उत्तर-जरूरी नहीं है। आपके मन में जो मंत्र अच्छा लगता हो वो आप जप सकते हों। बार-बार मंत्र बदलना नहीं चाहिए। एक ही मंत्र को हमेशा जपते रहोगे- जैसे एक ही जगह अगर खोदते जाओ तो पानी जरूर निकल जायेगा और दस-पन्द्रह फुट खोद के फिर दूसरी जगह खोदोगे, फिर तीसरी जगह, तो पचास जगह खोद लो पानी नहीं निकलेगा और एक ही जगह खोदते रहो तो पानी कभी न कभी जरूर निकलेगा। इसीलिए आपको मंत्र बार-बार बदलना नहीं चाहिए। मंत्र जो एक प्रारंभ करो निष्ठा के साथ, उसी से सब सिद्धियां प्राप्त हो जाती है। सभी हरि भक्तों के लिए पुष्कर आश्रम एवं गोवर्धन धाम आश्रम से साधू संतों की शुभ मंगल कामना। श्री दिव्य घनश्याम धाम, श्रीगोवर्धन धाम कालोनी, दानघाटी, बड़ी परिक्रमा मार्ग,
गोवर्धन, जिला-मथुरा (उत्तर-प्रदेश) श्री दिव्य मोरारी बापू धाम सेवाट्रस्ट गनाहेड़ा पुष्कर जिला-अजमेर (राजस्थान)