नई दिल्ली। एनडीआरएफ हिमालय के ऊंचे इलाकों में विशेष पर्वतारोहण टीमों को स्थायी रूप से तैनात करने पर विचार कर रहा है ताकि वे हिमस्खलन, भूस्खलन और हिमनद झील के फटने, बाढ़ आदि के दौरान तेजी से बचाव अभियान शुरू करने के लिए तैयार और अभ्यस्त हो सकें।
एनडीआरएफ ने भारत के दुर्गम पर्वत श्रृंखलाओं में प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं से निपटने के लिए अपने रक्षकों को तैयार करने के लिए कई उपायों की शुरुआत की है। विशेषज्ञों के अनुसार, पहाड़ी क्षेत्र में विभिन्न कारणों से दुर्घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है, जिनमें जलवायु परिवर्तन और मानव विकास भी शामिल हैं। एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने कहा कि बल पहाड़ों में आपदाओं से निपटने के लिए कई कदम उठा रहा है क्योंकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं के होने का “गंभीर” खतरा है।
अतुल करवाल ने बल की स्थापना के 18 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि इस आपदा से निपटने के लिए बल सक्रिय भूमिका निभाएगा और इसकी तीन टीम छह फरवरी से अपना प्रशिक्षण शुरू करेंगी।