मड थेरेपी प्राकृतिक चिकित्सा का प्रमुख अंग, ब्लड प्रेशर की समस्या से दिलाती है निजात

हेल्‍थ। चिकित्‍सा का प्राकृतिक तरीका लोगों को दवाओं के साइड इफेक्‍ट्स से बचा सकता है। प्राकृतिक चिकित्‍सा से आप ना केवल त्‍वचा, बाल आदि की समस्‍याओं को ठीक कर सकते हैं बल्कि कई गंभीर बीमारियों से भी खुद को बचा सकते हैं। इन्‍हीं नैचुरापैथी का एक तरीका है मड थेरेपी। मड थेरेपी में शरीर को डिटॉक्‍स कर मानसिक और शारीरिक रूप से भी काफी फायदा पहुंचाता है। यह शरीर को ठंडा करने, स्‍ट्रेस दूर करने, थकान मिटाने, सिर दर्द दूर करने में भी काफी मददगार होता है।

मड थेरेपी के स्वास्थ्य लाभ :-
हेल्‍थ एक्‍सपर्ट मड थेरेपी प्राकृतिक चिकित्सा के प्रमुख अंगों में से एक माना जाता है। इसकी सहायता से कब्ज की समस्‍या, अत्‍यधिक तनाव, सिर में दर्द, नींद ना आना या अनिद्रा ही नहीं, हाई ब्लड प्रेशर की समस्‍या, स्किन डिजीज आदि के उपचार में भी ये काफी फायदेमंद है। यदि मड बाथ किया जाए तो यह स्किन, मसल्‍स, ज्‍वाइंट और दिमाग के लिए मेडिसीन की तरह काम करता है।

मड थेरेपी में खास मिट्टी का इस्‍तेमाल :-
मड थेरपी के लिए खास तरह की मिट्टी का इस्‍तेमाल किया जाता है। यह मिट्टी जमीन से करीब 4 से 5 फीट नीचे से निकाली जाती है।  इस मिट्टी में कई मिनरल्‍स और एक्टिनोमाइसिटेस नाम के जीवाणु पाए जाते हैं। यह सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है। इस मिट्टी में रुखड़ापन नहीं होता और ये मक्‍खन की तरह स्‍मूथ होती है। इसका पेस्‍ट बनाकर शरीर के अंगों पर लेप लगाया जाता है।

मड थेरेपी के प्रकार :-
चिकित्‍सा के आधार पर मड थेरेपी का चुनाव किया जाता है। पहला तरीका है मट्टी की पट्टी, जिसमें पेट और माथे पर मिट्टी की पट्टी बनाकर लगाया जाता है। इसे शरीर के अन्‍य हिस्‍सों पर भी लगाया जा सकता है। जबकि दूसरा तरीका है मड बाथ, यानी मिट्टी से नहाना। इसके तहत सिर से पैर तक मिट्टी का लेप लगाया जाता है। सूख जाने पर साफ पानी से नहा लिया जाता है। हालांकि अगर आप किसी तरह के सेहत की समस्‍या से जूझ रहे हैं तो इस थेरेपी को आजमाने से पहले डॉक्‍टर की सलाह अवश्‍य ले लें।

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