लखनऊ। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के साथ संषर्घ समिति के नेताओं की शनिवार रात करीब 10 बजे बैठक हुई। बैठक में कर्मचारी नेता सभी मांगों को माने जाने और दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग किए। ऊर्जा मंत्री ने तत्काल मांगें माने जाने पर असमर्थता जताई। इस पर कर्मचारी नेताओं ने सुबह फिर से बातचीत होने की बात कही और निकल आए।
इससे पहले प्रदेश सरकार ने हड़ताल पर गए बिजली कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की। शनिवार दोपहर को सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ हुई बैठक के बाद प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ने हड़ताल पर गए कर्मचारियों को शाम छह बजे तक काम पर लौटने की चेतावनी दी थी। हालांकि, उसके पहले 22 कर्मचारी नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इन सबके खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई होगी। वहीं, 1300 संविदा कर्मियों को भी बर्खास्त कर दिया गया है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि कुछ संगठन पांच दिन से हड़ताल पर हैं। उनसे बात करने का लगातार प्रयास कर किया जा रहा है। वार्ता के द्वार खुले है। कई संगठन जनता के हितों की रक्षा कर रहे हैं। वे निष्ठा के साथ काम कर रहे हैं। इन सभी का आभार है। कई निजी कंपनियों ने उत्पादन इकाई में मदद की है। उत्पादक क्षमता 28 मेगावाट की है। जरूरत कम है।
ऊर्जा मंत्री ने आगे कहा कि राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। कर्मचारियों की अनर्गल मांगें पूरी नहीं की जा सकती हैं। संघर्ष समिति को बार बार बता रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि हड़ताल जनहित के विरुद्ध है। यह अवमानना भी है। कोर्ट के आदेश से सभी को अवगत करा दिया गया है। इसके बाद भी कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हैं। अब कार्पोरेशन उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विवश है।संघर्ष समिति हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहा है। नेताओं के करीबियों के तीन चार वीडियो भी सामने आए हैं। इसका मतलब है कि उन्हें जनता की तकलीफ से कोई मतलब नहीं हैं। इन नेताओं को किसी की फिक्र नहीं है। ऐसी परिस्थिति में यह राष्ट्रहित के खिलाफ है।
मुख्यमंत्री योगी ने की अफसरों के साथ बैठक
इसके पहले, सीएम योगी ने शनिवार दोपहर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा सहित विभाग के अफसरों के साथ बैठक की। उन्होंने प्रदेश में 24 घंटे बिजली आपूर्ति के निर्देश दिए हैं और कहा कि हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
सूत्रों का कहना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने विद्युत प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी कीमत पर उपभोक्ताओं की अनदेखी न होने पाए। उद्योगों को भी पर्याप्त बिजली दी जाए। अधिकारियों ने बताया कि अभी मार्च माह तक वे उत्पादन कम होने के बाद भी निर्बाध बिजली देने की स्थिति में है। ऐसे में सीएम योगी आदित्यनाथ ने हड़ताल पर जाने वालों से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया है।