मध्य प्रदेश। 20 अप्रैल 2023 की अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण जैसी दुर्लभ खगोलीय घटना होने वाली है। लेकिन यह कई मायनों में अलग होगा, क्योंकि इस दिन चांद, सूरज पर हाईब्रिड सूर्यग्रहण लगाने जा रहा है। आम ग्रहण की तरह यह केवल पूर्ण या केवल नहीं होगा, बल्कि इस बार ये दोनों प्रकार के ग्रहण एक ही दिन में घटित होने जा रहे हैं। इसके आसपास के क्षेत्र में आंशिक सूर्यग्रहण होगा। इस सदी में पड़ने वालेकुल 224 सूर्यग्रहण में से सिर्फ 7 बार होने वाला हाईब्रिड सूर्यग्रहण 20 अप्रैल को पड़ रहा है।
दुर्लभ माने जाने वाले इस ग्रहण की जानकारी देते हुए विद्या विज्ञान कार्यक्रम में बताया कि जंतुओं की हाईब्रिड, फसलों की हाईब्रिड वैरायटी तो आम शब्द हो गये हैं, लेकिन ग्रहण भी हाईब्रिड हो सकता है, यह कम ही लोग जानते हैं। तीनों ग्रहण एक साथ दिखाई देने के कारण ही इसे हाईब्रिड सोलर इकलिप्स कहा जाता है। जबकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, लेकिन इसे पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के अलावा दक्षिणी गोलार्द्ध में देखा जा सकता है।
रिपोर्ट के द्वारा बताया गया कि जब पृथ्वी की परिक्रमा करता चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच और एक रेखा में आ जाता है तो सूर्यग्रहण होता है। इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी के नजदीक होता है, तो यह सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है और उस भाग में पूर्ण सूर्यग्रहण दिखता है। यदि चंद्रमा दूर रहता है तो सूर्य एक कंगन के रूप में चमकता दिखता है, इसे वलयाकार सूर्यग्रहण कहते हैं। यदि चंद्रमा न तो ज्यादा दूर हो और न ही बहुत पास तो हाईब्रिड सोलर इकलिप्स की स्थिति बनती है।
एक रिसर्च के अनुसार बताया गया कि इस दुर्लभ ग्रहण में पूर्ण या वलयाकार ग्रहण की स्थिति को दुनिया के 4 लाख से भी कम ही लोग देख पाएंगे। वहीं लगभग 70 करोड़ लोग आंशिक ग्रहण को देख सकेंगे, जो कि उस भौगोलिक क्षेत्र में निवास करते हैं। दुर्लभ हाईब्रिड सोलर इकलिप्स इस सदी के दौरान होने वाले 224 सूर्यग्रहण में से सिर्फ 7 बार ही होगा।
21वीं सदी के कुछ हाईब्रिड सोलर इकलिप्स
9 अप्रैल 2005.
3 नवंबर 2013.
20 अप्रैल 2023.
15 नवंबर 2031.
25 नवंबर 2049.
21 मई 2050.
6 दिसंबर 2067.