कर्नाटक। कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर प्रचार करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने धारवाड़ में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे उनके निशाने पर थे। पीएम नरेंद्र मोदी पर की गई विवादित टिप्पणी पर पलटवार करते हुए अमित शाह ने कहा कि पूरी दुनिया जिस पीएम मोदी का इतना सम्मान करती है, उन्हें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विषैला सांप कहते हैं। सोनिया गांधी उन्हें मौत का सौदागर कहती हैं। कांग्रेस वालों की मति मारी गई है, वे मोदी जी को जितनी गाली देंगे, कमल उतने ही अच्छे से खिलेगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने मेरे खिलाफ पुलिस में FIR दर्ज कराई है। हमने PFI पर बैन लगाकर कर्नाटक को सुरक्षित किया है। मैं नहीं डरता हूं। आपको कोई आपत्ति है तो आकर बताइए कि क्यों PFI को चालू रखना चाहिए। वोट बैंक की लालच में कांग्रेस ने PFI को सिर पर चढ़ाया था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस 70 साल से धारा 370 को एक बच्चे की तरह अपनी गोद में सहला रही थी। कांग्रेस, जेडीएस, सपा, बसपा, ममता सब कहते थे कि इसे मत हटाइए कश्मीर में खून की नदियां बह जाएगी। धारा 370 हट गई खून की नदियां तो छोड़िए किसी की कंकड़ चलाने की भी हिम्मत नहीं हुई।
उन्होंने कर्नाटक के नवलगुंड विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा के दौरान कहा कि एक तरफ राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी है और दूसरी तरफ पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी भाजपा है। यह चुनाव यह तय करने के लिए है कि कर्नाटक की जनता मंच को आगे ले जाने के लिए डबल-इंजन सरकार (भाजपा) चाहती है या रिवर्स-गियर सरकार (कांग्रेस)। अमित शाह ने कहा कि जो पार्टी किसानों का सम्मान नहीं करती और उन पर लाठीचार्ज करती है, उसे नवलगुंड से वोट मांगने का कोई अधिकार नहीं है। कांग्रेस ने प्रदेश के किसानों के लिए कुछ नहीं किया है। बीजेपी ने कर्नाटक के लोगों के लिए बहुत काम किया है।
जेपी नड्डा ने कही यह बात
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मधुगिरि में चुनावी मोर्चे को संभाला। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण देना संवैधानिक दृष्टि से गलत है। आप अगर धार्मिक आधार पर आरक्षण देंगे तो किसका आरक्षण लेंगे लिंगायत का, SC का या वोकालिंगा का? अमित शाह ने भी अपनी जनसभा में मुस्लिम आरक्षण को लेकर पार्टी का रुख स्पष्ट किया। जेपी नड्डा ने कहा कि बीजेपी कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण की वापसी नहीं होने देगी।