मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ का 100 एपिसोड आज रविवार को प्रसारित किया जा रहा है। इस मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस समेत अन्य पार्टी नेताओं ने भी मुंबई में ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड को सुना। वहीं केद्रिय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी का ‘मन की बात’ सिर्फ एक रेडियो कार्यक्रम नहीं है, बलकि यह बेहतरी के लिए सामाजिक बदलाव का आंदोलन है। यह लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति का मंच है।
पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड के दौरान अपने संबोधन में कहा कि ‘मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। आज मन की बात का 100वां एपिसोड है। मुझे आप सबकी हजारों चिट्ठियां मिली हैं, सन्देश मिले हैं और मैंने कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा चिट्ठियों को पढ़ पाऊं, देख पाऊं,संदेशों को समझने की कोशिश करूं। वहीं उन्होने कहा कि साथियो, 3 अक्टूबर, 2014, विजय दशमी का वह पर्व था और हम सबने मिलकर विजय दशमी के दिन मन की बात की यात्रा शुरू की थी। विजय दशमी का मतलब बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व। कई बार यकीन नहीं होता कि मन की बात को इतने महीने और इतने साल गुजर गए।’
मन की बात’ में सकारात्मकता का पर्व मनाते है: PM मोदी
पीएम ने कहा, ‘आपके पत्र पढ़ते हुए कई बार मैं भावुक हुआ, भावनाओं से भर गया, भावनाओं में बह गया और खुद को फिर संभाल भी लिया। आपने मुझे मन की बात के 100वें एपिसोड पर बधाई दी है, लेकिन मैं सच्चे दिल से कहता हूं, दरअसल बधाई के पात्र तो आप सब मन की बात के श्रोता हैं, हमारे देशवासी हैं। विजया दशमी जैसे बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है, वैसे ही मन की बात भी देशवासियों की अच्छाइयों का सकारात्मकता का एक अनोखा पर्व बन गया है। एक ऐसा पर्व, जो हर महीने आता है, जिसका इंतजार हम सभी को होता है। हम इसमें सकारात्मकता का जश्न मनाते हैं। हम इसमें जनभागीदारी को भी सेलिब्रेट करते हैं।’
‘मन की बात’ मेरे मन का अध्यातमिक यात्रा बन गया है: PM मोदी
उन्होने कहा कि ‘मन की बात’ में पूरे देश के कोने-कोने से लोग जुड़े, हर आयु वर्ग के लोग जुड़े। मेरे लिए ‘मन की बात’ ईश्वर रूपी जनता-जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल की तरह है। ‘मन की बात’ मेरे मन की आध्यात्मिक यात्रा बन गया है। ‘मन की बात’ स्व से समिष्टि की यात्रा है. ‘मन की बात’ अहम् से वयम् की यात्रा है। उन्होंने कहा, ‘पचासों साल पहले मैंने अपना घर इसलिए नहीं छोड़ा था कि एक दिन अपने ही देश के लोगों से संपर्क ही मुश्किल हो जाएगा। जो देशवासी मेरा सब कुछ हैं, मैं उनसे ही कट करके जी नहीं सकता था। ‘मन की बात’ ने मुझे इस चुनौती का समाधान दिया। मन की बात ने मुझे कभी आपसे दूर नहीं होने दिया। साथियो, ‘मन की बात’ में जिन लोगों का हम जिक्र करते हैं वे सब हमारे नायक हैं जिन्होंने इस कार्यक्रम को जीवंत बनाया है। आज जब हम 100वें एपिसोड के पड़ाव पर पहुंचे हैं, तो मेरी ये भी इच्छा है कि हम एक बार फिर इन सारे नायकों के पास जाकर उनकी यात्रा के बारे में जानें।’