नई दिल्ली। कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सभी बीजेपी समेत सभी पार्टी के राजनीतिक दलो नें अपनी पूरी ताकत झोक दी है। वहीं जनता को अपने तरफ आकर्षित करने के लिए तरह-तरह के वादे भी किये जा रहे हैं। इस चुनावी दिनो में एक तरफ जहां कांग्रेस सत्ता में लौटने की कोशिश कर रही है। वहीं बीजेपी एक बार फिर सरकार बनाने के लिए प्रयासरत है। कर्नाटक चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने पांच बड़े वादों का खुलासा कर दिया है। जबकि वहीं बीजेपी ने भी आज अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है।
इस समय कर्नाटक में पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के जन प्रचार के द्वारा बीजेपी अपनी पूरी ताकत लगा रही है। राज्य में अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए पार्टी अपने घोषणापत्र में कल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है। बता दें कि बीजेपी की घोषणापत्र मुस्लिम आरक्षण पर भी बड़ा ऐलान हो सकता है। वहीं बीजेपी से पहले कांग्रेस महिलाओं पर फोकस करते हुए गृह लक्ष्मी और गृह योजना जैसे कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा कर चुकी है।
वहीं बीजेपी से भी अब महिलाओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं को शामिल करने की उम्मीद है। इसके अलावा बीजेपी अपने घोषणापत्र के द्वारा युवाओं के लिए बड़ा ऐलान कर सकती है। बीजेपी के घोषणापत्र में उन योजनाओं के होने की भी उम्मीद है, जो बेरोजगारी के मुद्दे से संबंधित है। इसके अलावा कर्ज माफी, सब्सिडी, स्वयं सहायता समूह के लिए ऋण जैसे मुद्दों को बीजेपी अपने घोषणापत्र में शामिल कर सकती है। बीजेपी ने अपने चुनावी घोषणापत्र को प्रजा ध्वनि का नाम दिया है।
कर्नाटक चुनाव के लिए जनता दल ने अपना चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिया है। जिसमें मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत आरक्षण बहाल करने का वादा किया है। वहीं जेडीएस ने अपने घोषणापत्र को ‘जनता प्रणालिका’ का नाम दिया है। पार्टी ने निजी क्षेत्रों में कन्नाडिगों के लिए नौकरियों को आरक्षित करने वाला कानून लाने का आश्वासन दिया है। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए मुफ्त उच्च शिक्षा देने का भी वादा किया है।