महत्वपूर्ण जानकारी। जहां हर वर्ष मई के महिने में भीषण गर्मी होती थी वहीं इस बार मई का महिना सावन के महिने की याद दिला रहा है। इस साल मई महिने की शुरूआत ही बारिश के साथ हुई है। वहीं आईएमडी के मुताबिक, मई के महीने में उत्तर भारत समेत देश के कई हिस्सों में रुक-रुक कर बारिश होने की आशंका जताई जा रही है। 15 मई तक उत्तर भारत में तापमान समान्य से नीचे बने रहने की संभावना है। वहीं, उत्तर पश्चिम और पश्चिम-मध्य भारत में तापमान समान्य व समान्य से नीचे रहने का अनुमान है। इसके अलावा पूर्वी और पूर्व-मध्य हिस्से में लू का प्रकोप रहेगा। मई माह में देश में 91-109 फीसदी बारिश होने की संभावना है।
सामान्य रूप से मई में 61.4 मिमी बारिश होती है। मौसम विभाग ने संभावना व्यक्त की है कि मई के महीने में पूर्वी और दक्षिण भारत को जबर्दस्त लू के थपेड़ों का सामना करना पड़ेगा, जबकि उत्तरी राज्यों में तापमान अपेक्षाकृत कम रहने की उम्मीद है। अगले 10 दिनों के दौरान उत्तर और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में गरज के साथ छींटे पड़ते रहेंगे।
अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता कि लू का प्रकोप कब झेलना पड़ेगा। आंधी तूफान की कमजोर स्थिति, बंगाल की खाड़ी के ऊपर कमजोर चक्रवात-रोधी हालात और देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र की ओर उत्पन्न पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम अनिश्चित बना हुआ है।
सितंबर तक नहीं दिखेगा अल-नीनो का ज्यादा असर
बता दें कि जून के मध्य से सितंबर के मानसून सीजन तक अल-नीनो अधिक से अधिक मध्यम स्थिति में पहुंच सकता है। उत्तर-पश्चिम, पश्चिम-मध्य और दक्षिण भारत के अधिकतर हिस्सों में मई के दौरान सामान्य या उससे अधिक बारिश होने की संभावना है। जबकि दिल्ली-एनसीआर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है। जिसके कारण से ठंड हवाओं के बीच तापमान में गिरावट आएगी।
एक सप्ताह तक रहेगी गर्मी से राहत
आईएमडी के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के कारण पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में अगले सात दिनों तक मौसमी गतिविधियों में बदलाव देखने को मिलेगा। इस दौरान तेज हवाएं चलने के साथ ही गरज के साथ बारिश और बूंदा-बांदी के आसार हैं। जिससे मौसम अनुकुल बना रहेगा। अभी हाल ही में दो पश्चिमी विक्षोभ सामने आए हैं, जिसके कारण से देश के कई राज्यों में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है।