प्रयागराज। उमेश पाल मर्डर केस में फरार चल रही शाइस्ता परवीन सहित तीन आरोपियों के खिलाफ शासन की बड़ी कार्रवाई की गई है। कमिश्नरेट पुलिस की रिपोर्ट पर इनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। इनमें पांच लाख का इनामी गुड्डू मुस्लिम व साबिर भी शामिल है। इस कार्रवाई के बाद अब तीनों के देश छोड़कर नहीं जा सकते है।
मालूम हो कि अतीक की पत्नी शाइस्ता उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही फरार चल रही है। उस पर हत्याकांड की साजिश में शामिल होने का आरोप है। इसके अलावा गुड्डू मुस्लिम व साबिर हत्याकांड को अंजाम देने वाले शूटरों में शामिल हैं। पुलिस और एसटीएफ लगातार इनकी तलाश में जुटी है। गुड्डू मुस्लिम की तलाश में उड़ीसा, मप्र, मुंबई आदि राज्यों में दबिश दी जा चुकी है। जबकि साबिर व शाइस्ता की तलाश में पुलिस प्रयागराज सहित प्रदेश के कई जिलों की छानबीन कर चुकी है। इसके बावजूद अब तक इनका सुराग नहीं मिल सका है। गुड्डू व साबिर पर पांच-पांच लाख जबकि शाइस्ता पर 50 हजार का इनाम भी घोषित है।
सूत्रों का कहना है कि इस बात की भी आशंका थी कि पुलिस से बचने के लिए तीनों देश छोड़कर बाहर जा सकते हैं। यही वजह है कि उनके खिलाफ कमिश्नरेट पुलिस ने लुकआउट नोटिस जारी कराया है। पुलिस की ओर से इस संबंध में रिपोर्ट शासन को भेजी गई थी। जिसके बाद यह कार्रवाई हुई है।
इन तीनों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी होने की सूचना गृह मंत्रालय के माध्यम से सभी एयरपोर्ट, बंदरगाह व अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात अधिकारियों को दे दी गई है। मिली जानकारी के अनुसार, लुकआउट नोटिस की वैधता एक साल तक है। यानी तीनों फरार आरोपियों के एक साल तक देश छोड़कर जाने पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
क्या है लुकआउट नोटिस?
लुकआउट नोटिस को लुकआउट सर्कुलर भी कहा जाता है। यह जिसके खिलाफ जारी होता है, उस व्यक्ति को देश छोड़कर जाने की इजाजत नहीं होती। यही वजह है कि एयरपोर्ट, बंदरगाहों व अन्य सीमाओं पर लगे आव्रजन अधिकारियों को इसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। ऐसे में अगर वह व्यक्ति उपरोक्त स्थानों पर पहुंचता है तो उसे तुरंत हिरासत में ले लिया जाता है और फिर इसकी सूचना उस एजेंसी को दी जाती है जिसकी ओर से लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।