Lucknow: भाजपा की डबल इंजन की सरकार विकास के साथ ही आपदा प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान दे रही है। उत्तर प्रदेश में किसी भी आपदा से लड़ने के लिए एनडीआरएफ तैनात है। किसी भी आपात स्थिति में एनडीआरएफ भगवान की तरह याद की जाती है और जिंदगियों को मौत के मुंह से खींच निकालती है। प्रदेश में पिछले 8 साल में एनडीआरएफ ने 5984 जिन्दगियां बचाई है। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों से 48,267 लोगों को सुरक्षित जगहों तक पहुंचाया है।
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्थित 11 एनडीआरएफ के जवान जान पर खेल कर लोगो की जान बचाने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बना चुके हैं। उप महानिरीक्षक,11 एनडीआरएफ मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि 2015 से एनडीआरफ वाराणसी में तैनात है। जो उत्तर प्रदेश के 42 जिलों में आपदा में बचाव और राहत का कार्य करती है। पिछले 8 साल में 11 एनडीआरएफ़ ने 994 स्थानों पर बचाव और राहत कार्य किया है जिसमे से 5984 लोगों का जीवन बचाया है। इसके अलावा 410 मृतकों के शवों को बाहर निकाला है। साथ ही बाढ़ में फंसे 48,267 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा टर्की में आये भूकंप में भी एनडीआरएफ की टीम ने सराहनीय कार्य किया था।
उन्होंने बताया कि केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर इमरजेंसी के लिए भी एनडीआरएफ की टीम तैयार रहती है। उत्तर प्रदेश में एनडीआरएफ दैवीय आपदा, दुर्घटना, रोड व रेल एक्सीडेंट, बाढ़, पानी में डूबना, नाव का पलटना, इमारतों का अचानक गिर जाना, बोरवेल व कुएं में गिरना, आग, जंगल में आग लगना, पत्थरों की खदान का ध्वस्त होना, रासायनिक रिसाव आदि जैसे आकस्मिक दुर्घटनाओं में समय पर पहुंच कर लोगों को सुरक्षित बाहर निकल कर उनका प्राथमिक उपचार करती आ रही है।