Jal Jeevan Mission: जल जीवन मिशन एवं स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण 2 के अंतर्गत प्रमंडलीय आईएसए नोडल पदाधिकारियों (सहायक अभियंता, सभी जिला) एवं आईएसए प्रतिनिधियों हेतु राज्य स्तरीय एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला राज्य पेयजल एवं स्वच्छता विभाग रांची के द्वारा विश्वा जल अकादमी कांके रांची में 29 सितम्बर को आयोजित की गई. यह आयोजन सभी आईएसए के द्वारा किये जा रहे व्यवहार परिवर्तन के कार्य में और मजबूती देना और साथ ही साथ विभाग के द्वारा बनाए जा रहे जलापूर्ति योजना का समुदाय द्वारा सफल संचालन हेतु मार्ग दर्शन कार्य के साथ समुदाय में निरंतरता प्रदान किया जाना है.
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया, जहां यूनिसेफ वाश पदाधिकरी डा. लक्ष्मी रंजन, टाटा ट्रस्ट मुंबई के वाश प्रमुख दिव्यांग बागले, विश्वा जल अकादमी कांके के निदेशक अजीत सिंह और नितिन कुमार राज्य समन्वयक (आई. टी) – पीएमयू के संयुक्त कर कमर्लों द्वारा कार्यशाला की शुरुआत की गई. कार्यकाल की रूपरेखा में आईएसए की भूमिका, जल जीवन मिशन में जगरूकता हेतु समस्या और चुनौतियों, जल गुणवत्ता, ओडिफ निरंतरता, समुदाय जिम्मेदारी के साथ व्यापार परिवर्तन में रखी गई. कार्यक्रम के शुरुआत डा. लक्ष्मी रंजन ने अपने संदेश में यह जानकारी दी कि हमें जमीनी स्तर पर सभी विभागों के कार्यकर्ता के साथ मिल कर काम करने की आवश्यकता है, जहां हमें पानी की उचित देखभाल, उपयोगिता के विषय पर हमेशा चर्चा करते रहना चाहिए और इस कार्य से जलापूर्ति सरंचना को मजबूती मिलेगी. कार्यशाला में जल जीवन मिशन में एक उपभोक्ता और सेवा प्रदाता के आपस में क्या संबंध है और जलापूर्ति योजना में कैसे इसे मजबूत किया जाए. हमारे पंचायत प्रतिनिधियों को जल जीवन मिशन के अंदर समुदाय आधरित नेतृत्वकर्ता को कैसे आगे बढ़ाया जाए. कार्यशाला में नितिन कुमार राज्य समन्वयक (आई.टी) – पीएमयू और अश्वनी कुमार सिनी टाटा ट्रस्ट ने प्रतिभागियों को उनकी भूमिकाओं, जिम्मेदारियों, दस्तावेज़ीकरण पर प्रकाश डाला.
टाटा ट्रस्ट मुंबई से आए हुए वाश प्रमुख दिव्यांग बागले ने समुदाय में व्यवहार परिवर्तन हेतु बनाई गई सम्मान कनेक्शन लघु फिल्म द्वारा परिवर्तन की रूपरेखा गतिविधियों की पूरी जानकारी प्रतिभागियों के साथ साझा किया. यह बताया गया कि ट्रस्ट काफी शोध करने के बाद जल उपयोग संरचना संरक्षण इत्यादि हेतु समुदाय के व्यवहार परिवर्तन में किस तरह काम करेगी, इस विषय पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों को प्रोतसाहित किया गया. युनिसेफ, पीएमयु के संजय पांडे ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण चरण 2 के महत्वपूर्ण आयामों और हमारी भूमिका विषय पर प्रतिभागियों को जानकारी दिया. उन्होंने बताया कि दिसंबर 2023 तक 100 प्रतिशत ग्रामों को प्रथम स्टार में लाने का लक्ष्य रखा गया है. जल जीवन मिशन कार्यक्रम में जल गुणवत्ता और पानी समिति के कार्यों में हमारी भुमिका पर निरुपम नाथ. यूनिसेफ. पीएमयू ने सभी प्रतिभागियो के साथ विस्तत रूप से जानकारी दी. कार्यशाला के समापन समारोह में अभियंता प्रमुख, मुख्य अभियंता, निदेशक आदि राज्य अधिकारियों ने सबसे पहले सभी प्रतिभागियों को प्रेरित किया और प्रभावी ढंग से काम करने का आग्रह किया साथ ही उन्होंने आईएसए के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए मिशन के लक्ष्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करने हेतु शुभकमांनाएं दी.