Rajori Encounter: जम्मू के राजोरी जिले के सोलकी गांव के बाजीमाल इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई. इस दौरान दो कैप्टन समेत चार सैन्यकर्मी बलिदान हो गए और दो जवान घायल हो गए. नागरिकों को बचाने के दौरान सुरक्षाबलों पर अचानक आतंकियों ने हमला कर दिया. महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा करते हुए जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया.
नौ घंटे तक जारी रही मुठभेड़
सुत्रों के मुताबिक, यह मुठभेड़ (Rajori Encounter) बुधवार की सुबह करीब 10 बजे शुरु हुई जो रात करीब 7 बजे तक जारी रही. अंधेरा होने के वजह से नौ घंटे बाद गोलीबारी बंद कर दी गई है लेकिन सुरक्षाबलों ने दोनों दहशतगर्दों को घेरा डाला हुआ है. शहीद अधिकारियों की पहचान कर्नाटक के कैप्टन एमवी प्रांजल, 63 आरआर/ सिग्नल, आगरा के कैप्टन शुभम, 9-पैरा और जम्मू के पुंछ के हवलदार माजिद, 9-पैरा के रूप में हुई है.
एक बलिदानी की नहीं बताई गई पहचान
हालांकि, एक बलिदानी की पहचान अभी नहीं बताई गई है. वहीं, 9 पैरा के मेजर मेहरा के हाथ और छाती में चोट आई है. उन्हें उधमपुर के कमांड अस्पताल में एयरलिफ्ट कर पहुंचाया गया है. जहां उनकी हालत स्थिर है. जबकि एक घायल जवान का इलाज राजोरी में 50 जनरल अस्पताल में चल रहा है. फिलहाल, शहीदों और घायलों की पहचान को लेकर सेना ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है.
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इलाके में दो आंतकियों मौजूद दों आतंकी
जानकारी के मुताबिक, रविवार की देर शाम इलाके में दो आतंकियों के मौजूद होने की सूचना के बाद से सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ के जवान चार दिन से तलाशी अभियान चला रहे थे. फिर बाद में सीआरपीएफ ने अपने कोबरा कमांडो भी आतंकियों की तलाश में उतारे थे. बुधवार सुबह सुरक्षाबलों ने क्षेत्र में घुसे आतंकियों को ढूंढ निकाला और इसके बाद दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हो गई जो रात 7 बजे जाकर थमी.
सैन्य सूत्रों का कहना है कि घिरे हुए दोनों आतंकवादियों को ढेर करने के लिए अतिरिक्त सैन्य बल बुलाए गए हैं. जबकि घेरे को और मजबूत बनाया जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि अतिरिक्त सैनिकों को शामिल करके ऑपरेशन तेज कर दिया गया है. दोनों आतंकवादी विदेशी नागरिक प्रतीत होते हैं.