Shaheed Diwas 2024: हर साल गणतंत्र दिवस के बाद देश में शहीद दिवस मनाई जाती है और कुछ शहीद जवानों को याद किया जाता है. 30 जनवरी का दिन वो दिन है, जिसके बारे में इतिहास के पन्नों पर काले अक्षरों में लिखा गया है. बता दें कि 30 जनवरी को शहीद दिवस मनाया जाता है. लेकिन कुछ लोग शहीद दिवस को लेकर असमंजस में रहते हैं.
दरअसल, शहीद दिवस को साल में दो बार मनाया जाता है एक जनवरी में और दूसरा मार्च में. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल आना स्वाभाविक है कि दो बार शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है और 30 जनवरी वाला शहीद दिवस मार्च के शहीद दिवस से कैसे अलग है? तो चलिए आज हम आपको बताते है कि इन दोनों शहीद दिवस का क्या महत्व है और इनका इतिहास कितना पुराना है इसके साथ ही इन दोंनों में क्या अंतर है.
Shaheed Diwas 2024: 30 जनवरी के शहीद दिवस का इतिहास
बता दें कि 30 जनवरी का शहीद दिवस देश के राष्ट्रपति महात्मा गांधी को समर्पित है. महात्मा गांधी की 30 जनवरी को पुण्यतिथि मनाई जाती है. इसी दिन साल 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. तभी से देश को आजादी दिलाने के लिए सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले गांधी जी के निधन के बाद उनकी पुण्यतिथि को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
Shaheed Diwas 2024: दूसरा शहीद दिवस कब मनाते हैं?
वहीं, साल का दूसरा शहीद दिवस मार्च के महिने में मनाया जाता है. 23 मार्च को अमर शहीद दिवस मनाया जाता है. यह दिन भी शहीदों की शहादत की याद में मनाते हैं. 23 मार्च के शहीद दिवस का इतिहास तो और भी पुराना है.
Shaheed Diwas 2024: 23 मार्च के शहीद दिवस का इतिहास
दरअसल, 23 मार्च 1931 को आजादी की लड़ाई में शामिल क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी गई थी. अंग्रेजों ने सेंट्रल असेंबली में बम फेंकने के मामले में उन्हें फांसी की सजा सुनाई और भारतीयों के आक्रोश के डर के कारण तय तारीख से एक दिन पहले गुपचुप तरीके से तीनों को फांसी दे दी गई. इसके बाद अमर शहीदों के बलिदान को याद करते हुए इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है. साथ ही आजादी की लड़ाई में अपनी जान कुर्बान करने वाले अमर शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी जाती है.
Shaheed Diwas 2024: कैसे मनाया जाता है शहीद दिवस?
गौरतलब हो कि 30 जनवरी को शहीद दिवस के मौके पर देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना प्रमुख राजघाट स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. इस मौके पर सेना के जवान भी राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देते हुए हथियार नीचे झुकाते हैं. वहीं 23 मार्च को शहीद दिवस के अवसर पर देश के क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान को याद किया जाता है और उन्हें श्रद्धांजली दी जाती है.
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