Fake Tax Credit: इस वित्तीय वर्ष जीएसटी में फर्जीवाड़े के कई मामले सामने आए हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, जीएसटी अधिकारियों ने जारी वित्त वर्ष में 19,260 करोड़ रुपये के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (Fake Tax Credit) के दावों को पकड़ा गया है. इस प्रकार के कुल 1999 मामले सामने आया हैं. बता दें कि हर साल इस तरह के कई मामले सामने आते है. ऐसे में ही पिछले साल भी फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के 1,940 मामले सामने आये थे जिसमें 13,175 करोड़ रुपये का रिफंड मांगा गया था.
बता दें कि इस मामले में करीब 68 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इसके साथ ही अधिकारियों ने करीब 1,597 करोड़ रुपये बरामद भी किए थे. वहीं, इस साल रुपयों के लिहाज से फर्जीवाडे़ में 49 फीसदी की वृद्धि देखी गई है. ऐसे फर्जी मामलों में आईटीसी के दावे शामिल होते हैं, जहां वस्तुओं या सेवाओं की कोई रियल सप्लाई नहीं की गई होती है. हालांकि इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के माध्यम से पैसा क्लेम किया जाता है. इन मामलों से निपटने की औसत दर 12.71 फीसदी बताई गई है.
Fake Tax Credit: गुजरात से आए सबसे अधिक मामले
दरअसल, फेक इनपुट टैक्स क्रेडिट का सबसे अधिक मामले इस बार गुजरात से आए हैं. वहीं, इसके बाद पश्चिम बंगाल और हरियाणा का नंबर आता है. बता दें कि गुजरात में 241 मामले, पश्चिम बंगाल में 227, हरियाणा में 186, असम में 168, राजस्थान में 143, महाराष्ट्र में 130, कर्नाटक में 122 और दिल्ली में 105 मामले सामने आए हैं. वहीं, रकम के लिहाज से देखा जाए तो हरियाणा और दिल्ली में फर्जी आईटीसी के सबसे बड़े मामले सामने आए हैं.
Fake Tax Credit: क्या होता है इनपुट टैक्स क्रेडिट?
आपको बता दें कि एक मैन्युफक्चरर जब कोई सामान खरीदता है, तो उस पर टैक्स देता है. वह जब कोई सामान बेचता है तो वह उस पर टैक्स कलेक्ट करता है. इन दोनों टैक्स के अंतर को इनपुट टैक्स क्रेडिट में एडजस्ट करके जीएसटी विभाग से पैसा वापस लिया जाता है.
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