Clipper Spacecraft: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (NASA) के वैज्ञानिकों ने गुरुवार को ह्यूमेनिटीज हंट फॉर एक्सट्रा टेरेस्ट्रियल लाइफ मिशन के अंतर्गत अंतरग्रहीय अनुसंधान का अनावरण किया. बता दें कि नासा इसे बृहस्पति के बर्फीले चंद्रमाओं में से एक यूरोपा पर भेजने की योजना बना रहा है.
जानकारी के मुताबिक, क्लिपर अंतरिक्ष यान अक्टूबर में यूरोपा के लिए उड़ान भरने वाला है, जो सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह की परिक्रमा करने वाले दर्जनों चंद्रमाओं में से एक है. दरअसल, मिशन के परियोजना वैज्ञानिक बॉब पप्पालार्डो ने एएफपी को बताया कि नासा जिन मूलभूत प्रश्नों को समझना चाहता है उनमें से एक यह है कि क्या हम ब्रह्मांड में अकेले हैं?
Clipper Spacecraft: सौर मंडल में जीवन के दो उदाहरण
उन्होंने बताया कि यदि हमें जीवन के लिए परिस्थितियां ढूंढनी हों और फिर किसी दिन वास्तव में यूरोपा जैसी जगह पर जीवन मिल जाए, तो यह कहा जाएगा कि हमारे अपने सौर मंडल में जीवन के दो उदाहरण हैं: एक पृथ्वी और दूसरा यूरोपा.
Clipper Spacecraft: 5 बिलियन डॉलर का प्रोजेक्ट
बता दें कि वर्तमान में 5 बिलियन डॉलर के इस प्रोजेक्ट की नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला कैलिफोर्निया में है, जो एक “साफ कमरे” में है- एक सीलबंद क्षेत्र जहां पर प्रोजेक्ट में शामिल लोगों को सिर से पैर तक ढंकने के बाद ही भीतर जाने की अनुमित है. दरअसल, ये सावधानियां यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि जांच संदूषकों से मुक्त रहे, जिससे पृथ्वी के माइक्रोब्स को यूरोपा में ले जाने से बचा जा सके.
Clipper Spacecraft: यात्रा शुरू करने के लिए तैयार क्लिपर स्पेसक्राफ्ट
नासा ने बताया है कि क्लिपर स्पेस एक्स फाल्कन फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर में पहुंच चुका है. यह हेवी रॉकेट पर सवार होकर पाचं वर्ष से ज्यादा की यात्रा शुरू करने के लिए तैयार है. यह गति बढ़ाने के लिए मंगल ग्रह से गुजरेगा. नासा के मुताबिक, क्लिपर को 2031 में बृहस्पति और यूरोपा की कक्षा में होना चाहिए, जहां यह उसका का विस्तृत अध्ययन शुरू करेगा, वैज्ञानिकों का मानना है कि यह जमे हुए पानी से ढका हुआ है.
वहीं, मिशन प्रबंधकों को पानी में तैरते छोटे हरे आदमी मिलेंने की कोई भी उम्मीद नहीं है. ये वास्तव में खुद जीवन की तलाश भी नहीं कर रहे हैं, सिर्फ उन स्थितियों की तलाश कर रहे हैं, जो इसका समर्थन कर सकें.
Clipper Spacecraft: हम अकेले नहीं…
वैज्ञानिकों को पृथ्वी के चरम वातावरण से पता है- जैसे पोलर आइस कैप में प्रकाश की कमी वाले भू-तापीय वेंट में कहीं भी सूक्ष्म जीवन ढूंढा जा सकता है और यूरोपा की स्थितियां, जो पृथ्वी के चंद्रमा की तरह लगभग बड़ी हैं, एक समान आवास प्रदान कर सकती हैं, जो कि आकर्षक संभावना की पेशकश कर सकती है कि हम अकेले नहीं हैं – हमारी अपनी सौर प्रणाली में भी नहीं.
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