Delhi: दिल्ली शराब घोटाले मामले में जेल में बंद पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को ईडी और सीबीआई के दोनों मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. हालांकि इसके लिए सिसोदिया को 10 लाख के बेल बॉन्ड और दो श्योरिटी जमा करनी होगी. इसके बाद ही उन्हें जेल से रिहा किया जाएगा.
सिसोदिया को जमा कराना होगा अपना पासपोर्ट
सर्वोच्च न्यायालय ने सिसोदिया को निर्देश दिया कि वो अपना पासपोर्ट जमा कर दें और गवाहों को प्रभावित न करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रायल पूरा होने को लेकर ASG का बयान विरोधभासी है. 18 महीने से सिसोदिया जेल में बंद है, जिसका ट्रायल शुरू नहीं हो पाया है.
सुप्रीम कोर्ट बेल देते हुए कही ये बातें
मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बेल रुल है और जेल अपवाद है. ये नियम निचली अदालत और हाई कोर्ट को ध्यान में रखना चाहिए, लेकिन उन्होंने इन तथ्यों को अनदेखा किया. जहां तक मनीष सिसोदिया पर ट्रायल में देरी का आरोप है, उन पर अलग-अलग अर्जी दाखिल करने का आरोप है. उन्होंने सीबीआई केस में 13, ईडी में 14 अर्जी दाखिल की. हालांकि सभी अर्जियों को ट्रायल कोर्ट ने मंजूरी दी. साथ ही कोर्ट ने ये मानने से भी इंकार किया कि ट्रायल में देरी मनीष सिसोदिया की वजह से हुई.
18 महीने से जेल में बंद हैं सिसोदिया
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने सिसोदिया को जमानत पर फैसला सुनाया. बता दें कि शराब घोटाला केस में सिसोदिया 26 फरवरी 2023 से हिरासत में हैं. हाई कोर्ट ने कहा था कि सिसोदिया ने पद का दुरुपयोग किया था. बाहर आकर सबूत और गवाहों पर असर डाल सकते हैं.
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