Type-5 Diabetes बच्‍चों को बना रहा अपना शि‍कार,जानिए इन बीमारी के लक्षण

Pediatric Diabetes: डायबिटीज एक प्रकार की गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो पूरी दुनिया में 80% लोगों की परेशानी की वजह बनी हुई है।,इस बीमारी से काफी हद तक लोग परेशान है  जो सिर्फ दवाईओं, सही खानपान और सेहत का ध्‍यान रखने से ठीक होने का संभावना होती है। आमतौर पर डायबिटीज सिर्फ दो ही लोगों को ही अपना शिकार बनाती है, लेकिन अभी जल्‍द में ही टाइप 5 डायबिटीज का पता चला है डायबिटीज की यह बीमारी खासतौर से बच्‍चों और वयस्कों से जोड़ा है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से-

क्‍या होता है टाइप 5 डायबिटीज

IDF के दौरान टाइप 5 डायबिटीज एक सीवियर इंसुलिन-डेफिशिएंट डायबिटीज  है, जो टाइप 2 डायबिटीज मोटापे और इंसुलिन रेजिस्टेंस से बिल्कुल अलग है। टाइप 5 डायबिटीज मुख्य रूप से पुराने कुपोषण की वजह से होता है, खासकर शुरुआती विकास के वर्षों के दौरान।

इसके दौरान IDF ने बताया कि, “टाइप 5 डायबिटीज के कारण इंसुलिन का बहुत कम स्तर और खराब मेटाबॉलिज्म हो सकता है। यह बीमारी एशिया और अफ्रीका में सबसे ज्यादा प्रचलित है। यहां के लोगो में ज्‍यादा बीमारियों के लक्षण दिखते है। इसके दौरान कुछ शुरुआती रिपोर्ट्स के अनुसार यह बीमारी साल 1955 में जमैका के राज्‍य में पाई गई थी। 70 से ज्यादा साल से मौजूद इस बीमारी को काफी हद तक अनदेखा किया गया है या कई बार इसे टाइप-1 या टाइप-2 के रूप में गलत तरीके से परीक्षण भी किया गया है।

टाइप 5 डायबिटीज के लक्षण

टाइप 5 डायबिटीज के कुछ प्रमुख लक्षण (Type 5 Diabetes Symptoms), जिन पर ध्यान देना जरूरी है निम्न हैं-

  • घाव ठीक न होना
  • विकास न होना
  • बार-बार संक्रमण
  • त्वचा पर काले धब्बे
  • याददाश्त कमजोर होना
  • बहुत ज्यादा प्यास लगना
  • ज्यादा पेशाब आना
  • बिना किसी आंतरिक कमी के कारण वजन कम होना या वजन न बढ़ना

IDF के अनुसार,  तो टाइप 2 डायबिटीज के विपरीत, टाइप 5 डायबिटीज, जिसे कुपोषण से संबंधित डायबिटीज भी कहा जाता है, प्रमुख से विचार करने के बाद यह बताया गया है कि यह क्रोनिक मेल्न्यूट्रिशन के कारण होता है, जबकि खोज के अनुसार ये बीमारी बचपन या किशोरावस्था के दौरान अध‍कि‍ पाई गई है। टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज की तुलना में टाइप 5 डायबिटीज बहुत ही अलग पाया गया है। ऐसा माना जाता है कि काफी लंबे समय तक पोषक तत्वों की कमी के वजह से पैनक्रियाज के विकास में कमी के कारण लोगों को अपना शिकार बनाती है।

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