Amit Shah : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश के सीमा सुरक्षा बल अलंकरण समारोह में संबोधित किया। अमित शाह ने कहा कि निर्णय लेने के दौरान एक सीमा पर एक बल सुरक्षा प्रदान करेगा, तो बीएसएफ को दो सबसे कठिन सीमाओं बांग्लादेश और पाकिस्तान बॉर्डर की रक्षा करने की जिम्मेदारी दी गई थी। गृह मंत्री अमित शाह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान बीएसएफ के शौर्य को भी सलाम किया और सलामी देते हुए कहा कि पाकिस्तान की हर गोली का जवाब बीएसएफ ने गोले से दिया।
सर्वश्रेष्ठ बल का उत्तम उदाहण BSF
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उन्होंने कहा, मैं पूरे राष्ट्र की ओर से उन्हें प्रणाम करता हूं। देशभक्ति के आधार पर जवानों ने सभी कठिनाईयों को पार करके कैसे विश्व में सर्वश्रेष्ठ बल बनाया है, उसका उत्तम उदाहण BSF हमारे सामने है। यह दुनिया का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है, जिसमें लगभग 2.75 लाख कर्मी पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्व में बांग्लादेश के साथ भारतीय सीमाओं की रक्षा करने का काम करते हैं। बीएसएफ की स्थापना 1965 में हुई थी।
ऑपरेशन सिंदूर पर कही यह बड़ी बात
अमित शाह ने बताया कि पीएम मोदी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, हमारी खुफिया एजेंसियों से सटीक जानकारी और सेना की मारक क्षमता का अद्भुत प्रदर्शन के एक साथ आने पर ‘ऑपरेशन सिंदूर सफल हुआ, इन तीनों के एक साथ होने से ही ऑपरेशन सिंदूर बना। पाकिस्तान ने कई बड़ी घटनाओं को वर्षों से अंजाम दिया, लेकिन उसे माकूल जवाब नहीं दिया गया। 2014 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार बनी और पहला बड़ा हमला उरी में हमारे सैनिकों पर हुआ, उन्हें जिंदा जलाने का दुस्साहस किया फिर पुलवामा में हमला हुआ, सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाया गया। सेना एयर स्ट्राइक कर के पहले से भी कठोर दंड दिया।’
मिनटों के भीतर आतंकी ठिकानों को किया नष्ट
अमित शाह ने दुखद शब्दों में कहा, ‘पहलगाम में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों की ओर से निर्दोष लोगों को उनके परिवारों के सामने उनका धर्म पूछकर मार दिया गया। उस हमले का ऑपरेशन सिंदूर कड़ा और सख्त जवाब है। पूरी दुनिया भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी की प्रशंसा कर रही है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था और ऑपरेशन के कुछ ही मिनटों के भीतर हमने नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। हमने केवल उन लोगों को दंडित किया, जिन्होंने भारतीय धरती पर पाप किए थे।’
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