UP: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है. जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण लागू करने में हुई त्रुटियों को सुधार करना आवश्यक है. कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह सब-इंस्पेक्टर (सिविल पुलिस), प्लाटून कमांडर पीएसी और एफएसएसओ फायर सर्विस की भर्ती में EWS महिलाओं के लिए 20% क्षैतिज आरक्षण सुनिश्चित करे.
ईडब्ल्यूएस श्रेणी की 54 महिलाओं ने दायर की याचिका
यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी में गौतम बुद्ध की नेहा शर्मा और 53 की अन्य की याचिका पर दिया है पुलिस भर्ती बोर्ड ने समान और ईडब्ल्यूएस के तहत महिला आरक्षण को अनुचित रूप से एक साथ मिला दिया था जिसके कारण 36 आरक्षण से लाभान्वित होने वाली ईडब्ल्यूएस महिलाओं की संख्या में भारी कमी आई थी ईडब्ल्यूएस की श्रेणी की 54 महिलाओं ने याचिका में उनका कहना था कि कोटा 902 सीटों के भीतर पूर्ण 20% क्षैतिज आरक्षण से वंचित कर दिया गया था भर्ती बोर्ड मैं सामान्य और ईडब्ल्यूएस महिला आरक्षण सीटों को एक साथ मिलने की बात स्वीकार करते हुए कहा कि महिलाओं को आवंटित कुल 903 सीट पुरे आरक्षण को संतुष्ट करती है.
EWS महिला उम्मीदवारों को 20% क्षैतिज आरक्षण सुनिश्चित
कोर्ट में कहा है कि EWS महिला उम्मीदवारों के लिए एक अलग मेरिट सूची तैयार की जाए और 20% क्षैतिज आरक्षण सुनिश्चित किया जाए साथ ही साथ जो भी खाली सीट बची हुई है उसको जल्द से जल्द योग्यता के आधार पर तैयार की गई नई सूची से EWS महिला उम्मीदवारों को समायोजित किया जाना चाहिए
EWS चयन प्रक्रिया में आरक्षण अनिवार्य
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह भी कहा है चयनित उम्मीदवारों को नौकरी से न हटाया जाए जो उम्मीदवार पहले से नौकरी कर रहे हैं उनको नौकरी से हटाने का अधिकार किसी को नहीं है और भविष्य में चयन प्रक्रिया में भी सही तरीका अपनाया जाए सभी आरक्षण को लागू करने के लिए सभी आरक्षण को लागू करने के लिए सही और कानूनी तरीका अपनाना अनिवार्य है इस फैसले से ईडब्ल्यूएस महिलाओं को उनके अधिकारों का लाभ मिलेगा.
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