Delhi : दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने एक महिला को हराम शब्द बोलकर उसकी गरिमा का अपमान करने के लिए एक आरोपी को दोषी ठहराया है। बताया जा रहा है कि आरोपी हेमंत उर्फ जीत के खिलाफ तिमारपुर पुलिस थाना में भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 509 के तहत मामला दर्ज था।
मामले की पुष्टि कर किया फैसला
न्यायिक मजिस्ट्रेट करणबीर सिंह ने इस मामले को पूरी तरह समझा और इस पर पुष्टि की और फैसला सुनाते हुए कहा कि हराम शब्द ऐसा अपशब्द है जिसका इस्तेमाल सिर्फ किसी व्यक्ति का अपमान करने के लिए हीं किया जाता बल्कि हराम शब्द का मतलब है कोई ऐसी चीज जो निषिद्ध हो और जिसे गलत तरीके से अर्जित किया गया हो।
न्यायाधीश का कहना है कि अभियोजन पक्ष ने अपने मामले को संदेह से परे साबित कर दिया है। इस प्रकार यह साबित हो गया कि आरोपी ने पीड़िता के चरित्र पर कलंक लगाने वाले शब्दों का प्रयोग किया था। इस दौरान आईपीसी की धारा 509 के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है।
कोर्ट ने दिलाया महिला को न्याय
जानकारी के मुताबिक, 17 मई के आदेश में अदालत ने महिला के पक्ष में कहा कि आरोपी के बोले गए शब्द का गलत अर्थ था, आरोपी को पीड़िता का अपमान करना था। उसका मतलब था कि वह चरित्रहीन थी, जिससे उसके चरित्र पर कलंक लगा। हम आपको बता दें कि ऐसे शब्द किसी भी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने का हक किसी भी व्यक्ति का नही है। यह मामला 2017 का है, जब आरोपी महिला को परेशान कर रहा था। आरोपी ने 8 जुलाई 2019 को अपमानजनक शब्द बोलकर अपराध किया था। ऐसे में कोर्ट ने महिला को न्याय दिलाते हुए आरोपी को सख्त सजा सुनाई।
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