Gayatri mantra: गायत्री मंत्र हिंदू धर्म की सबसे महत्वपूर्णं और शक्तिशाली वैदिक मंत्रों में से एक है. इस मंत्र को समझ लेने मात्र से आपको 4 वेदों का ज्ञान प्राप्त हो जाता है और इसे पढ़ लेने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इस मंत्र का जाप करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस मंत्र में सारे वेदों का आपको सार मिल जाएगा. गायत्री देवी को सभी वेदों की जन्मदात्री कहा जाता है. घर-घर में इसका दैनिक अनुष्ठानों में भी पाठ किया जाता है.
गायत्री मंत्र का क्या है महत्व
ज्योतिषाचार्य गौरव दीक्षित बताते हैं कि गायत्री मंत्र सनातन धर्म में बहुत ही शक्तिशाली और ताकतवर मंत्र माना जाता है. इस मंत्र का जाप करने से न केवल शारीरिक और मानसिक बल्कि आध्यात्मिक लाभ भी मिलता है. गायत्री मंत्र का जाप करने से हृदय गति नियंत्रित रहती है जिससे हृदय घात अर्थात हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है. किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति में हमारे जीवन की समस्याओं पर काबू पाने के लिए गायत्री मंत्र का जाप बहुत ही लाभकारी माना गया है.
इन देशों मे होता है गायत्री मंत्र का पाठ
भारत के अलावा गायत्री मंत्र का जप नेपाल, मॉरीशस, बाली (इंडोनेशिया) आदि जगहों पर होता है, जहां हिंदू धर्म के लोग रहते हैं. हिंदू धर्म में इसे सबसे पवित्र मंत्रों में से एक माना जाता है. यह मंत्र त्रिसंध्या पूजा का एक हिस्सा है, जिसे बाली के हिंदुओं द्वारा दिन में तीन बार सुबह, दोपहर और शाम को पूजा जाता है.
कहां से लिया गया है गायत्री मंत्र
गायत्री मंत्र को ऋगवेद से लिया गया है. यह ऋगवेद के तीसरे मंडल के 62वें सूक्त का 10वां मंत्र है. इसको सावित्री मंत्र भी कहा जाता है, क्योंकि यह सूर्य देवता को समर्पित है. इसका उल्लेख ऋगवेद के अलावा यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद में भी मिलता है, हालांकि इसका सबसे प्रमुख और प्रारंभिक उल्लेख ऋगवेद में ही है. इस मंत्र की रचना ऋषि विश्वामित्र ने की थी और यह देवी गायत्री को समर्पित है, जिनको वेदों की माता माना जाता है.
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