Patna: बिहार में आने वाले समय में न्यूक्लियर पॉवर प्लांट लगाने के लिए केंद्र सरकार ने सहमति दे दी है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर इन दिनों बिहार के दौरे पर हैं. यहां पटना में उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. इस बीच उन्होंने पटना में बिहार के वर्तमान ऊर्जा परिदृश्य के संदर्भ में विस्तृत चर्चा भी की. खट्टर ने पटना में क्षेत्रीय विद्युत मंत्रियों के सम्मेलन (पूर्वी क्षेत्र) में बिहार, झारखंड और ओडिशा के ऊर्जा मंत्रियों के साथ चर्चा की. इस दौरान राज्यों से बिजली क्षेत्र में प्रमुख सुधारों में तेजी लाने का आग्रह किया गया.
देश में छह SMR किए जाएंगे स्थापित
अब देश में छह स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) स्थापित किए जाएंगे. जिनमें से एक रिएक्टर बिहार में लगाया जाएगा. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को पटना में इस बात का ऐलान किया कि केंद्र सरकार बिहार में एक न्यूक्लियर पॉवर प्लाट और 1000 मेगावाट की बैटरी भंडारण क्षमता वाली यूनिट स्थापित की करेगी. मनोहर लाल ने बिजली क्षेत्र में बिहार सरकार की पहल की सराहना की.
परमाणु ऊर्जा संयंत्र की मांग
इनमें कुल तकनीकी और वाणिज्यिक (एटीएंडसी) घाटे को कम करना, 80 लाख स्मार्ट मीटर लगाना और क्षेत्र में सुधार करना शामिल है. उन्होंने कहा, ‘‘बिहार ने गर्मियों में स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त बिजली आवंटन के अलावा एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र की भी मांग की थी.
पूरी होगी बिजली आपूर्ति की मांग
हालांकि, केंद्रीय मंत्री खट्टर ने यह नहीं बताया कि बिहार में ये न्यूक्लियर पॉवर प्लांट कहां बनाया जाएगा और इसकी कितनी क्षमता होगी. खट्टर ने कहा कि केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने अगले छह महीने के लिए अतिरिक्त 500 मेगावाट बिजली आपूर्ति की बिहार सरकार की मांग पर सहमति दे दी है.
हर राज्य में परमाणु संयंत्र का लक्ष्य
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार का लक्ष्य है कि हर राज्य में कम से कम एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जाए. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे देश की विकास दर बढ़ रही है, वैसे-वैसे बिजली की मांग भी बढ़ रही है. ऐसे में परमाणु ऊर्जा एक भरोसेमंद, टिकाऊ और दीर्घकालिक विकल्प है.
बिहार के लिए ऐतिहासिक अवसर
राजधानी पटना में आयोजित ऊर्जा मंत्रियों का सम्मेलन, बिहार के लिए ऐतिहासिक रहा. यह पहली बार होगा जब बिहार में कोई परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित होगा. इसे राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है. अब सभी की निगाहें बिहार सरकार पर हैं कि वह इस प्रस्ताव को कैसे और कितनी जल्दी अमलीजामा पहनाती है.
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