Delhi: दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए एक और ठोस कदम उठाया है. शिक्षा निदेशालय ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 के तहत 9वीं व 11वीं कक्षा के रिजल्ट का विश्लेषण किया. इसमें पाया गया कि 56 सरकारी स्कूल ऐसे हैं जिनका प्रदर्शन अच्छा नहीं है. ऐसे में अब बोर्ड परीक्षाओं का रिजल्ट खराब न हो इसके लिए पहले नौवीं व ग्यारहवीं के रिजल्ट को सुधारने के प्रयास शुरू किए गए हैं. अधिकारियों को इन स्कूलों को गोद लेकर इनकी मेंटरिंग करनी होगी और ओवर ऑल शैक्षणिक प्रदर्शन को सुधारना होगा.
अधिकारियों को निगरानी के लिए सौंपा गया एक-एक स्कूल
शैक्षणिक सत्र 2025-26 तक नियमित रूप से निगरानी रखने के लिए हर अधिकारी को एक-एक स्कूल सौंपा गया है. उनकी रिपोर्ट में यह जानकारी शामिल होगी कि स्कूल में छात्रों की उपस्थिति कैसी है, शिक्षण की गुणवत्ता कैसी है, छात्र किस विषय में कैसा प्रदर्शन कर रहे हैं, और टीचिंग-लर्निंग मटीरियल का इस्तेमाल कितना हो रहा है. और शिक्षकों और छात्रों को शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं जैसे “मिशन मैथमैटिक्स” और “एनरिचमेंट क्लासेस” का वास्तविक लाभ मिल रहा है या नहीं. इनमें से कई स्कूलों में बेसिक गणित की समझ की गंभीर कमी देखी गई है, जिसे दूर करना अब प्राथमिकता है.
“मिशन मैथमैटिक्स”
दिल्ली सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य कक्षा 6 से 10 के छात्रों में गणित को लेकर आत्मविश्वास और समझ विकसित करना है. “मिशन मैथमैटिक्स” के तहत कमजोर छात्रों को अलग से ध्यान देकर पढ़ाया जाता है ताकि वे बुनियादी गणनाओं को अच्छे से समझ सकें. अब मेंटर्स इन प्रयासों की प्रभावशीलता का आकलन भी करेंगे. टीचर्स के लिए यह पहल एक सपोर्ट सिस्टम की तरह होगी, जहां उन्हें समस्या आने पर तुरंत सलाह या सहयोग मिल सकेगा.
कमजोर प्रदर्शन करने वाले छात्रों की पहचान
निदेशालय ने इस संबंध में परिपत्र जारी किया है. इसमें कहा गया है कि अधिकारी पंद्रह दिन में एक बार इन स्कूलों का दौरा करेंगे. दौरे वाले दिन ही उन्हें अपनी रिपोर्ट भी देनी होगी. इस दौरान उन्हें कमजोर प्रदर्शन करने वाले छात्रों की पहचान करनी होगी. उन्हें 2022-23, 2023-24, 2024-25 में इन कक्षाओं के ओवर ऑल रिजल्ट को भी देखना होगा.
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