गंगा नदी में आई बाढ़ से प्रभावित किसानों को मिलेगा मुआवजा, शुरू हुआ सर्वे


Ghazipur: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में गंगा नदी में आई बाढ़ से किसानों की खेतों और फसलों को नुकसान हुआ था. अब प्रभावित किसानों को उन्हें उचित मुआवजा देने के लिए सर्वे शुरू कर दिया है. इसके लिए सभी अधिकारियों को तेजी से काम करने के निर्देश दिए गए हैं. अब गंगा का पानी उतरने के बाद आपदा विभाग ने प्रभावित किसानों के नुकसान का सर्वे शुरू किया है.

कई तहसीलों में लगभग 10 दिनों तक जमा रहा बाढ़ का पानी


बताते चलें कि, गंगा नदी की बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी. गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से करीब डेढ़ मीटर ऊपर पहुंच गया था. जिसके कारण जनपद की कई तहसीलों में लगभग 10 दिनों तक बाढ़ का पानी जमा रहा. इस प्राकृतिक आपदा ने आम लोगों के जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया.साथ ही किसानों की खेतों और फसलों को पूरी तरह जलमग्न कर बर्बाद कर दिया.


फसलों के नुकसान का किया जा रहा है आकलन


ADM एवं नोडल आपदा अधिकारी दिनेश कुमार के मुताबिक, शासन के निर्देश पर सभी प्रभावित इलाकों में लेखपालों और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की मदद से फसलों के नुकसान का आकलन किया जा रहा है, सर्वे के आधार पर किसानों को मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी. शासन ने मुआवजे की दरें तय कर दी हैं. सिंचित क्षेत्र के लिए रू 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर व असिंचित क्षेत्र में रू 8.500 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा प्रदान किया जाएगा.


अब सर्वे डेटा को कृषि निवेश पोर्टल पर किया जा रहा है अपलोड


अब तक 1,053 घाटों (खेतों) का सर्वे पूरा हो चुका है और यह प्रक्रिया निरंतर जारी है. अब सर्वे डेटा को कृषि निवेश पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और जल्द से जल्द मुआवजा राशि का भुगतान किया जा सके. दिनेश कुमार ने आश्वासन दिया कि कोई भी बाढ़ प्रभावित किसान मुआवजे से वंचित नहीं रहेगा.


कई गांवों में फसलों को भारी नुकसान


गंगा की बाढ़ ने गाजीपुर के कई गांवों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया. खेतों में पानी भरने से धान, गन्ना और अन्य फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गईं. किसानों का कहना है कि उनकी सालभर की मेहनत और निवेश पानी में बह गया. अब सर्वे और मुआवजे की प्रक्रिया से उन्हें कुछ राहत की उम्मीद है.

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